शंकराचार्य काॅलेज हुडको में हर्षोल्लास से मना विश्व शांति दिवस, शिक्षा के माध्यम से नस्लवाद को खत्म करने की हो पहल-सुजाता

शंकराचार्य काॅलेज हुडको में हर्षोल्लास से मना विश्व शांति दिवस, शिक्षा के माध्यम से नस्लवाद को खत्म करने की हो पहल-सुजाता



भिलाई नगर, 22 सितंबर। जगदगुरू शंकराचार्य काॅलेज ऑफ एजुकेशन में पूर्व व वर्तमान छात्रों ने मिलकर हर्षोल्लास से विश्व शांति दिवस मनाया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय विश्व शांति दिवस 2022 की थीम “नस्लवाद समाप्त करें, शांति का निर्माण करें” पर खुले मंच पर चर्चा की। सभी ने बड़े ही सुंदर ढ़ंग से भाषण, कविता, शायरी के माध्यम से अपने-अपने विचारों को प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का प्रारंभ माँ सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत से किया गया। प्राचार्य डाॅ. व्ही सुजाता ने कहा कि हम शिक्षा के माध्यम से नस्लवाद को खत्म करने की पहल कर सकते है और विश्व में शांति एवं अमन की स्थापना करना हमारा दायित्व है। विभागाध्यक्ष श्रीमती मधुमिता सरकार ने कहा कि आज सभी वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को आत्मसात करने का प्रण करें तभी हमारा विश्व शांति दिवस मनाना सार्थक होगा।
श्रीमती मधुमिता सरकार ने महाविद्यालय के समस्त सदस्यों एवं बीएड, डीएलएड के पूर्व व वर्तमान छात्राध्यापकों को विश्व शांति, सद्भाव, अहिंसा की स्थापना एवं नस्लवाद की समाप्ति हेतु शपथ दिलाई एवं एलुमनी प्रभारी श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार एक मृग कस्तूरी को खोजने के लिए वन वन भटकता है किंतु उसे पता ही नहीं होता कि कस्तूरी की सुगंध तो उसके अंदर से ही आ रही है, उसी प्रकार शांति तो इंसान के अंदर ही विद्यमान है यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने अंदर विद्यमान शांति को पहचान सके तो विश्व में अशांति उत्पन्न ही नहीं होगी। पूर्व एवं वर्तमान छात्राध्यपकों ने अपने विचारों को क्रमशः व्यक्त करते हुए कहा कि मानवता, अहिंसा, प्रेम भावनाओं से ही शांति की स्थापना होती है।
बीएड प्रथम सेमेस्टर के छात्राध्यपक ने कहा कि यदि हम अपने अंदर की ईर्ष्या, क्रोध, नकारात्मकता का त्याग कर दें तो स्वतः ही शांति की स्थापना हो जायेगी। डीएलएड प्रथम वर्ष के छात्राध्यक ने कहा कि निराश व्यक्ति अतीत में रहता है, चिंतित व्यक्ति भविष्य में रहता है एवं शांत चित व्यक्ति वर्तमान में रहता है।
इस दौरान छात्रों में प्रेम, उत्साह, उमंग बनाए रखने हेतु म्यूजिकल चेयर खेल खिलाया गया जिसमें सभी ने आनंदित होकर भाग लिया और प्रथम स्थान आकांक्षा कोहले एवं द्वितीय स्थान धनेन्द्र कुमार देशलहरे प्राप्त किया। कार्यक्रम में सभी सहायक प्राध्यापकों ने अपनी उपस्थिति एवं सहभागिता प्रदान की।