क्या अब हाउसवाइफ को भी दाखिल करना होगा टैक्स रिटर्न (ITR) 🟦 मकान का किराया हाउसवाइफ के खाते मे आता है…❓

क्या अब हाउसवाइफ को भी दाखिल करना होगा टैक्स रिटर्न (ITR) 🟦 मकान का किराया हाउसवाइफ के खाते मे आता है…❓



सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 2 अप्रैल। हाउसवाइफ को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करना चाहिए या नहीं? अब इसका जवाब समझने योग्य है। आपको बता दें कि कई बार हाउसवाइफ को विभिन्न स्रोतों से धन प्राप्त होता है। यदि एकाउंट में रूपया आ रहा है तो इसका स्रोत महिला को पता होना चाहिए। यह नियमित आ रहा रूपया, इंकम माना जाएगा या नहीं, इसके भी नियम हैं।
गौरतलब हो कि सबसे पहले आपको यह समझना जरूरी है कि जब हम आयकर रिटर्न फाइल करते हैं तो इसका मतलब सरकार को टैक्स चुकाना नहीं हो जाता। किसी भी वित्त वर्ष की समाप्ति पर आयकर रिटर्न फाइल करके आप सरकार या इनकम टैक्स विभाग को यह जानकारी देते हैं कि आप इनकम टैक्स देनदारी के दायरे में नहीं आते। यह जान लें कि आयकर रिटर्न भरना और इनकम टैक्स जमा करना, दो अलग बाते हैं। अब यदि आप हाउसवाइफ हैं तो हो सकता है कि आपके नाम पर मकान का किराया आपके बैंक खाते में आ रहा हो, यह भी हो सकता है कि आपके पति विदेश में रहते हों और वह आपको हर माह एक मुश्त रकम आपके बैंक खाते में भेजते हों। यह भी हो सकता है कि आपको विभिन्न तोहफों के तौर पर बैंक में रकम मिली हो। लेकिन जब बात हाउसवाइफ या फिर हाउस हसबैंड की है तो इसका मतलब है कि उनकी इनकम नहीं है तो उन्हें आईटीआर फाइल करने की जरूरत नहीं है मगर यदि हाउसवाइफ की कोई इनकम है जो किराए के जरिए हो रही है या फिर एफडी या अन्य बैंक सेविंग या स्कीम से प्राप्त ब्याज की आय प्राप्त हो रही है, या फिर महिला ने अपने बचत के पैसे को शेयर बाजार में लगाया है और उन्हें डिविडेंड प्राप्त हुआ है तो हाउसवाइफ को भी आईटीआर भरना होगा। यदि पति विदेश में रहते हों और वह हर माह पत्नी को एकमुश्त रकम बैंक खाते में भेजते हों तो पति द्वारा पत्नी को दिए गए पैसे को एग्जेम्पशन में रखा गया गया है लेकिन यदि इस पैसे को पत्नी निवेश करती है जिससे वह रिटर्न या ब्याज कमाती हैं तो उन्हें आईटीआर फाइल करना होगा वैसे यदि यह कमाई इनकम टैक्‍स स्लैब के दायरे में आती है तो अपनी स्‍लैब के हिसाब से टैक्स भी कटवाना होगा।
यदि हाउसवाइफ की कोई पर्सनल इनकम नहीं होती है तो आपको कोई भी टैक्स जमा नहीं करना होता है। जब आपको कोई टैक्स जमा नहीं कराना होता है और तब भी रिटर्न फाइल करते हैं तो इसे जीरो रिटर्न या NIL रिटर्न करते हैं।