कहाँ और क्यों गायब हो रहे दो हजार के “गुलाबी नोट” जानिए वजह…… आज नोटबंदी के 6 साल पूरे होने पर विशेष रपट

कहाँ और क्यों गायब हो रहे दो हजार के “गुलाबी नोट” जानिए वजह…… आज नोटबंदी के 6 साल पूरे होने पर विशेष रपट



🟦 स्ट्रेटेजी – बडे़ स्तर पर भ्रष्टाचार की रोकथाम
🟩 दो वर्ष से 2000 के नये नोट छपे ही नहीं
संतोष मिश्रा
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 8 नवंबर। आज से 6 साल पहले यानि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने की घोषणा रात्रि 8 बजे की थी और इस घोषणा के बाद 15.52 लाख करोड़ रुपए के 500 और 1000 के नोट अर्थव्यवस्था से बाहर हुए थे। फिर एंट्री हुई 500 रुपए के नए और 2000 रुपए के बड़े गुलाबी नोट की। इनमें से 500 वाले नोट तो मार्केट में हैं, लेकिन 2000 वाले गायब हो गए।
अब आपका भी दिमाग पिछले कुछ समय से इस ओर दौडा़ ही होगा कि पता नहीं क्यों ये 2000 का नोट लगातार कम दिखने लगा है। यही नहीं 2000 का नोट चलन में दिख नहीं रहा इसलिए कई लोग तो इसे लेने से भी कतराने लगे हैं। कईयों के मन में यह बात घर कर गई है कि 2000 के नोट भी सरकार कहीं बंद न कर दे। गुलाबी नोट को धीरे धीरे अचानक गायब होता देख ऐसे सवाल मन मस्तिष्क में उठना लाजिमी भी है, मगर आपको बता दें कि न तो 2000 के नोट फिलहाल बंद होने वाले हैं और न ही लेन देन में इनके लिए आनाकानी करना ही उचित है।
आपको बता दें कि देश में साल 2017-18 के दौरान 2000 के नोट सबसे ज्यादा चलन में रहे। तब बाजार में 2000 के 33 हजार 630 लाख नोट थे, जिनकी संख्या साल दर साल कम होती गई। अब इसकी वजह भी जान लिजिए, दरअसल वर्ष 2021 और 2022 में 2000 के गुलाबी नोट छपे ही नहीं हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 में 2000 के 329.10 करोड़ और 2020 में 273.98 करोड़ के नये नोट छापे गए थे। इसके बाद इनकी छपाई रोक दी गई नतीजतन नये नोट अर्थव्यवस्था में और नहीं उतारे गए साथ ही रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने 2020 में ही बैंकों को निर्देश दिया था कि 2000 के नोट एटीएम में न डाले जाएं और बैंक से भी 2000 का नोट दिया जाना कम होता गया, वजह साफ थी “बडे़ स्तर पर भ्रष्टाचार की रोकथाम” जो कि सरकार की एक स्ट्रेटेजी का ही नतीजा है। 6 वर्ष पहले केंद्र सरकार ने 500 और 1000 के नोट इसीलिए बाजार से हटाए थे कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी साथ ही नकली नोट बाजार से बाहर हो जाएंगे क्योंकि जितना बड़ा नोट उतना ही बड़ा फायदा नकली नोट छापने वालों को होता है। नोट बंदी के समय लगभग 86 फीसदी करेंसी 500 और 1000 के नोट की ही थी लेकिन अचानक नोटबंदी के फैसले से ये दोनों नोट एक झटके में रद्दी हो गए थे। कुल मिलाकर आप यह जान लिजिए कि गुलाबी नोट का गायब होना सरकार की तय रणनीति का ही हिस्सा है ताकि बडे़ भ्रष्टाचार का अहम हिस्सा बनने वाले बडे़ नोट प्रचलन में सीमित ही रहें।