शोध के क्षेत्र में कौशल की महत्वपूर्ण भूमिका है: डॉ० पूनम गुलालिया, साईन्स कॉलेज में एकदिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्न

शोध के क्षेत्र में कौशल की महत्वपूर्ण भूमिका है: डॉ० पूनम गुलालिया, साईन्स कॉलेज में एकदिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्न


दुर्ग 15 मार्च । शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में समाजशास्त्र एवं समाज कार्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में “स्कील ट्रेनिंग फॉर स्टूडेन्ट ऑफ सोशियोलॉजी एण्ड सोशल वर्क” विषय पर एकदिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर. एन. सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला की मुख्य वक्ता महात्मा गाँधी नेशनल काउन्सिल फॉर रूरल एजुकेशन हैदराबाद की अकादमिक सलाहकार डॉo पूनम गुलालिया थीं।

कार्यशाला के शुभारम्भ में महाविद्यालय की डॉ० अश्वनी महाजन, डॉ० एलिजाबेग भगत ने मुख्यअतिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉ० सपना शर्मा सारस्वत ने कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।

अपने मुख्य वक्तव्य में डॉ० पूनम गुलालिया ने बताया कि शोध के क्षेत्र में फील्ड में कार्य करने के लिये किस प्रकार के कौशल की आवश्यकता होती है और कैसे इन कौशल का उपयोग करके हम डाटा का संग्रहण करते हैं। विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होनें कहा कि समाज में, समूह में, समुदाय में और व्यक्तिगत तौर पर शोध कार्य की जानकारी हेतु हमें सरल और वस्तुनिष्ठ तरिके से कार्य करना होगा।

कार्यशाला में प्रतिभागी विद्यार्थियों को पाँच समूहों में बांटकर विभिन्न प्रकार की कौशल संबंधी गतिविधियाँ करायी गयी जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। इस कार्यशाला में 107 विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभागिता दर्ज की।
आयोजन सचिव डॉ० शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शोध के क्षेत्र में कौशल विकास की भरपूर संभावनाओं को देखते हुये यह कार्यशाला विद्यार्थियों के लिये रूचिकर एवं लाभप्रद रही।

कार्यक्रम के सफल संचालन में डॉ० प्रावीण्यलता, डॉ० दिनेश गायकवाड़, डॉ० रीना ताम्रकार का सक्रिय सहयोग रहा। कार्यक्रम के अंत में मुख्यअतिथि डॉ० गुलालिया को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यशाला का संचालन डॉ० सपना शर्मा सारस्वत ने किया तथा आभार प्रदर्शन राहुल चौधरी ने किया।