लोकसभा चुनाव को लेकर वाम मोर्चा ने की बैठक, इंडिया मंच के प्रत्याशी को वोट देने की अपील

लोकसभा चुनाव को लेकर वाम मोर्चा ने की बैठक, इंडिया मंच के प्रत्याशी को वोट देने की अपील


भिलाई नगर 06 अप्रैल । आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर दुर्ग जिले के वाम मोर्चा के घटक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) लिबरेशन की पहली बैठक संपन्न हुई। बैठक में आम जनता से आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिया मंच के प्रत्याशियों को वोट देने का आह्वान किया गया। केंद्र में तानाशाही कर रही जुमलेबाज भाजपा की सरकार को सत्ता से हटाने के लिए दुर्ग लोकसभा से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी एवं कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र साहू को वोट देने की अपील की गई।

हर मोर्चे पर विफल रही केंद्र की भाजपा सरकार

बिजेंद्र कुमार तिवारी भाकपा (माले ) लिबरेशन, डी वी एस रेड्डी माकपा एवं विनोद कुमार सोनी भाकपा वाम नेताओं ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार हर मोर्चे पर विफल हुई है, 2 करोड़ बेरोजगारों को हर साल नौकरी देने की बात कही गई थी। किंतु उनके कार्यकाल में नौकरीपेशा के लोग भी बेरोजगार हो गए, 100 दिन में महंगाई कम करने की बात करने वाले मौजूदा प्रधानमंत्री आजादी के 70 साल में देश को महंगाई के सबसे उंचे दर पर पहुंचा दिए, किसानो की आय को दुगना करने की घोषणा करने वाली मौजूदा सरकार आय दुगना करना तो दूर उल्टा फसल का समर्थन मूल्य भी नहीं देना चाहती हैं, श्रम कानूनों में बदलाव करके मालिकों के पक्ष में मजदूर विरोधी काले कानून बनाए हैं, नई शिक्षा नीति 2020 ने शिक्षा को ही हासिये पर धकेल दिया है, महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, हर मोर्चे पर विफल होने के बाद भी मीडिया का सहारा लेकर केंद्र सरकार अपने आप को जनहितैषी बता रही है।

अच्छे दिन के वादों से शुरू होकर मोदी की गारंटी तक पहुंची केंद्र सरकार

2014 के चुनाव में मौजूदा सरकार ने उनके जीतने के बाद देश में लोगों के लिए अच्छा दिन आने का सपना दिखाया, 100 दिन में महंगाई कम करने की बात कही, 15 लाख रुपया हरेक के खाते में आने का जुमला दिया, हर साल 2 करोड लोगों को नौकरी देने का झांसा दिया, 5 साल बीत जाने के बाद 2019 के चुनाव में नारा दिया कि “मोदी है तो मुमकिन है” एवं दिए गए नारे के मुताबिक केंद्र की मोदी सरकार ने साबित किया कि असंवैधानिक इलेक्टोरल बांड के माध्यम से चुनावी फंड का भ्रष्टाचार करना मुमकिन है, काला धन पर रोक लगाने के नाम पर नोटबंदी करके काला धन को सफेद धन में बदलना मुमकिन है, नोट छापने के 6 साल के अंदर ही छापे गए ₹2000 के नोटों को बंद करवाना मुमकिन है, मनमानी तरीके से विपक्षियों को जेल में डालने के लिए कानून बनाना मुमकिन है, ईडी एवं सीबीआई का डर दिखाकर विपक्ष को तोड़ना एवं उन बेईमान भ्रष्टाचारियों को अपने पार्टी में शामिल करवाना मुमकिन है। अब 2024 के चुनाव में हर बात पर प्रधानमंत्री की गारंटी अर्थात मोदी की गारंटी की बात कही जा रही है जबकि सरकार एक भी गारंटी में खरे नहीं उतर पा रही है।

केवल व्यक्ति केंद्रित है केंद्र सरकार एवं उसकी पार्टिया

विपक्ष पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाला मौजूदा केंद्र सरकार में लगभग अधिकांश नेता परिवारवाद के शिकार है. डेमोक्रेसी का हवाला देने वाला मौजूदा सरकार खुद व्यक्ति केंद्रित है अर्थात मोदी केंद्रित होकर रह गया है .केंद्र सरकार के काम करने के तरीकों को देखने से स्पष्ट समझ में आता है कि लगभग सभी निर्णय सामूहिक नहीं बल्कि व्यक्ति केंद्रित तरीके से लिए जा रहे हैं जो कि पूरे देश को ही तानाशाही की तरफ धकेल रहा है इसीलिए ऐसी जन विरोधी व्यवस्था को बदलने के लिए हर हाल में भाजपा के प्रत्याशी को परास्त करना जरूरी है। अतः आगामी चुनाव में इंडिया मंच के प्रत्याशी को वोट देना ही एकमात्र विकल्प है ताकि संविधान एवं लोकतंत्र को बचाया जा सके अर्थात देश को बचाया जा सके।