*कोविड नियंत्रण के लिए आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधान जारी रखना जरूरी नहीं, कोविड-19 मरीजों की संख्या में गिरावट जारी आदेश एवं निर्देश लिए जा सकते हैं वापस*

*कोविड नियंत्रण के लिए आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधान जारी रखना जरूरी नहीं, कोविड-19 मरीजों की संख्या में गिरावट जारी आदेश एवं निर्देश लिए जा सकते हैं वापस*


कोविड नियंत्रण के लिए आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधान जारी रखना जरूरी नहीं, कोविड-19 मरीजों की संख्या में गिरावट जारी आदेश एवं निर्देश लिए जा सकते हैं वापस

नई दिल्ली 24 मार्च । केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड नियंत्रण उपायों के लिए आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधान अब आगे जारी रखने की आवश्यकता नहीं है। यह फैसला देश में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से आ रही गिरावट को देखते हुए किया गया है। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सलाह भी दी है कि वे अधिनियम के तहत जारी किए गए आदेशों और दिशा- निर्देशों को वापस ले लें। हालांकि, मास्क लगाने और हाथ धोने सहित कोविड नियंत्रण के प्रारंभिक उपाय जारी रहेंगे।

 केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखते हुए कोरोना वायरस (Coronavirus) से संबंधित दिशा निर्देशों को लेकर जरूरी सलाह दी है. इनसे कहा गया है कि वह आपदा प्रबंधन अधिनियम (Disaster Management Act) के तहत कोरोना वायरस (Covid-19) की रोकथाम के लिए जारी किए गए दिशा निर्देशों को खत्म करने पर विचार कर सकते हैं. ये भी कहा गया है कि फेस मास्क के इस्तेमाल सहित कोविड रोकथाम उपायों पर सलाह जारी रहेगी. इससे पहले सरकार ने स्थिति में सुधार और महामारी से निपटने के लिए अपनी तैयारियों का जायजा लिया था. जिसके बाद एनडीएमए ने फैसला लिया कि कोविड रोकथाम उपायों के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की और आवश्यकता नहीं है.

जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय के मौजूदा आदेश संख्या 40-3/2020-डीएम-1 (ए) तारीख 25 फरवरी, 2022 के खत्म होने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय आगे कोई आदेश जारी नहीं करेगा. हालांकि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MDHFW) संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उपाय अपनाने की सलाह देता रहेगा. जिसमें फेस मास्क पहनना और हाथों की बार-बार सफाई करना शामिल है. सरकार ने अपने आधिकारिक आदेश में कहा कि पिछले 24 महीनों में, महामारी के प्रबंधन के लिए विभिन्न पहलुओं, जैसे निदान, निगरानी, ​​कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, इलाज और टीकाकरण, अस्पताल के बुनियादी ढांचे, जागरुकता और आम जनता के लिए महत्वपूर्ण सुविधाएं विकसित करना शामिल हैं.