*बैलेट से चुनाव नहीं तो 25 को इच्छा मृत्यु की स्वीकृति दें-मुख्यमंत्री के पिता ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र*

*बैलेट से चुनाव नहीं तो 25 को इच्छा मृत्यु की स्वीकृति दें-मुख्यमंत्री के पिता ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र*


बैलेट से चुनाव नहीं तो 25 को इच्छा मृत्यु की स्वीकृति दें-मुख्यमंत्री के पिता ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र 

भिलाई नगर, 12 जनवरी। अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने राष्ट्रपति को पत्र लिख इच्छा मृत्यु की मांग की है। उन्होंने राष्ट्रीय मतदाता जागृति मंच के माध्यम से राष्ट्रपति को यह पत्र भेजा है। श्री बघेल की मांग है की ईवीएम के बजाय पूरे देश में बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए, अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को इच्छा मृत्यु प्रदान करने की अनुमति दी जाए।

गौरतलब हो कि 86 वर्षीय नंदकुमार बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि अत्यन्त दुःख के साथ अवगत कराना पड़ रहा है कि देश के नागरिकों के समस्त संवैधानिक अधिकारों का व्यापक स्तर पर हनन हो रहा है। लोकतंत्र के तीनों स्तम्भ विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका ध्वस्त होती जा रही हैं। मीडिया भी लोकतंत्र के तीनों स्तम्भों के इशारे पर कार्य कर रही है। देश के नागरिकों के अधिकारों के संबंध में कोई सुनने वाला नहीं है। जिन जनप्रतिनिधियों को मतदाता अपनी हर समस्या के लिए चुनते हैं उनकी आवाज भी दबती जा रही है। विधायिका देश के समस्त सरकारी विभागों व उपक्रमों को अपने चहेतों को बेच रही है, कार्यपालिका भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर सन्तानों के लिए अधिक से अधिक धन इकट्ठा कर उनका भविष्य सुरक्षित करने में लगी है। देश में न्याय पाने के लिए नागरिकों की पीढ़ी दर पीढी गुजर जा रही परंतु उसे न्याय नसीब नहीं हो पा रहा है। सरकारी आकडो़ं के अनुसार 700 से ज्यादा किसानों की गलत नीतियों के कारण मृत्यु या हत्या हुई है। मतदान के अधिकार को ईवीएम मशीन के द्वारा कराया जा रहा है। ईवीएम मशीन को किसी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्था या सरकार ने सौ प्रतिशत शुद्धता से काम करने का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। किसी भी मशीन को उपयोग में लाने से पूर्व मान्यता प्राप्त तकनीकि संस्था या सरकार द्वारा मशीन के शुद्धता से काम करने का प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है फिर भी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में ईवीएम मशीन से मतदान कराकर वोट के संवैधानिक अधिकार का हनन किया जा रहा है, जिससे देश के नागरिकों के समस्त अधिकारों की रक्षा होती है। मतदान की सबसे विश्वसनीय पद्धति वही होती है जिसकी स्क्रूटनी कोई भी नागरिक स्वयं पूर्ण संतुष्टि तक कर सके। मत पत्र से मतदान का मूल्यांकन प्रत्येक नागरिक कर सकता है लेकिन ईवीएम से कराये गये मतदान का मूल्यांकन आम आदमी तो क्या अधिकारी भी नहीं कर सकते हैं। जो राजनैतिक पार्टी सत्ता में होती है, वह ईवीएम मशीन से जल्दी मतगणना का हवाला देकर उसे वैध करार देती आ रही है। ऐसी परिस्थितियों में जब मेरे समस्त अधिकारों का हनन हो रहा है। तो मेरे जीने का उद्देश्य ही समाप्त होता जा रहा है, भारत का नागरिक होने के नाते मेरी प्रज्ञा मुझे और जीने की इजाजत नहीं दे रही है। राष्ट्रपति जी आपने संविधान की रक्षा की शपथ ली है, परन्तु मेरे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा नहीं हो पा रही है। जिसके चलते मेरे पास इच्छा मृत्यु के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं रहा। अतः स्वस्थ लोकतंत्र के व्यापक हित में अनुरोध है कि आप देश में लोगों का लोगों द्वारा लोगों के लिए शासन (लोकतंत्र) के लिए पारदर्शी तरीके से मतदान ईवीएम के स्थान पर मतपत्र एवं मतदान पेटी से कराने का आदेश जारी करने की कृपा करें। यदि ईवीएम के स्थान पर मतपत्र एवं पेटी से मतदान संभव नहीं है तो मुझे 25 जनवरी 2022 को राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर इच्छा मृत्यु करने की अनुमति प्रदान करने की कृपा करें।