पढ़ाई ही जीवन में सीखने का सबसे बेहतर जरियाः वर्तिका, सेंट थॉमस कॉलेज में भारतीय सिनेमा में स्त्री विमर्श का अतीत और वर्तमान’ विषय पर हुआ व्याख्यान

पढ़ाई ही जीवन में सीखने का सबसे बेहतर जरियाः वर्तिका, सेंट थॉमस कॉलेज में भारतीय सिनेमा में स्त्री विमर्श का अतीत और वर्तमान’ विषय पर हुआ व्याख्यान



भिलाई नगर 20 मार्च। पढ़ाई ही जीवन में सीखने का बेहतर जरिया है इसका कोई विकल्प नहीं है, यह बात सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट, कोलकाता से आई वर्तिका श्रीवास्तव ने कहा। वे बुधवार को सेंट थॉमस कॉलेज, भिलाई में पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित व्याख्यान में बोल रही थी। यह व्याख्यान ‘भारतीय सिनेमा में स्त्री विमर्श का अतीत और वर्तमान’ विषय पर आयोजित थी। आगे उन्होंने फिल्मों की दुनिया में स्त्री की बदलती भूमिका और फिल्म निर्माण के तकनीकी पहलूओं के बारे में बताया।


वहीं व्याख्यान में विशेष अतिथि के रूप में हेमचंद यादव विश्वभारतीय सिनेमा में स्त्री विमर्श का अतीत और वर्तमान’ विषय परभारतीय सिनेमा में स्त्री विमर्श का अतीत और वर्तमान’ विषय परविद्यालय, दुर्ग के अधिष्ठाता, छात्र कल्याण डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव थे। उन्होंने कहा कि आज के दौर की पत्रकारिता में संतुलन के साथ बिना व्यक्तिगत पूर्वाग्रह के काम कर पाना ज्यादा चुनौती है।
वहीं कॉलेज के प्रशासक फादर डॉ. जोशी वर्गीस ने सिनेमा को समाज के हर मुद्दों को जनता के सामने लाने माध्यम बताया है। जबकि कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एम. जी. रोईमोन ने पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए सिनेमा को अपनी अभिव्यक्ति को अधिक सृजनात्मक बनाने का बेहतर माध्यम बताया है।


वहीं पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष ने वर्तिका श्रीवास्तव को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता विभाग के सहायक प्राध्यापक मुकेश कुमार ने किया। इस कार्यक्रम में स्वागत भाषण सहायक प्राध्यापक अमिताभ शर्मा ने दिया और आभार बीएजेमसी चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा सृष्टि दुबे ने दिया। इस अवसर पर सहायक प्राध्यापिका छविकिरण साहू सहित विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहें।