मंच से मुख्यमंत्री विष्णु देव बोले – “भिलाई में IIT की स्थापना का श्रेय पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय को”

<em>मंच से मुख्यमंत्री विष्णु देव बोले – “भिलाई में IIT की स्थापना का श्रेय पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय को”</em>



भिलाई नगर, 20 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भिलाई स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के स्थायी परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया परंतु भिलाई की शान बन चुके आईआईटी भिलाई में स्थापित होने का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के द्वारा पूर्व शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय को दिया गया है।


मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भिलाई आईआईटी में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आज गौरव का दिन है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मू से देश के लिए 32 हजार करोड़ रुपए की 220 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास और उद्घाटन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भिलाई में आईआईटी की स्थापना पूर्व मंत्री जो कि मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में भी पूर्व शिक्षा मंत्री भी रहे हैं प्रेम प्रकाश पांडेय, जिनका शिक्षा से ही लगातार नाता रहा है उन्हीं की सूझबूझ, अथक परिश्रम एवं लगातार किए गए प्रयास के कारण आज भिलाई में‌ आईआईटी की स्थापना हो सकी है। भिलाई की शान आईआईटी की स्थापना का पूरा श्रेय प्रेम प्रकाश पांडेय जी को ही जाता है, मैं प्रधानमंत्री को इसके लिए धन्यवाद देता हूं और उनके प्रति आभार प्रगट करता हूं। उन्होंने आईआईटी भिलाई परिवार को सर्वसुविधायुक्त स्थाई कैंपस मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आईआईटी उच्च शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र बनेगा।

400 एकड़ में फैले कैंपस में एक हजार से ज्यादा छात्र अध्यनरत


भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई में अभी एक हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग की 11 शाखाओं (Branches) में पढ़ाई कर रहे हैं। वर्ष 2016 में आईआईटी के अस्थायी परिसर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर में कक्षाएं लगना प्रारंभ हुई थीं। अगस्त-2023 से भिलाई स्थित स्थाई परिसर में कक्षाएं लग रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 14 जून 2018 को भिलाई में आईआईटी परिसर के निर्माण की आधारशिला रखने के बाद 8 जुलाई 2020 से इसका निर्माण आरंभ हुआ था। आईआईटी भिलाई का परिसर 400 एकड़ में फैला है। आरंभिक रूप से इसके निर्माण के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 1090 करोड़ 18 लाख रुपए स्वीकृत कर परिसर में लेक्चर हाल, सेमिनार रूम, क्लासरूम आदि बनाए हैं। यहां निर्मित कई भवनों के नाम छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियों और पहाड़ों के नाम पर इंद्रावती, शिवनाथ, कन्हर, मैनपाट, गौरलाटा, सिहावा, पेलमा इत्यादि रखे गए हैं।