हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग में में ’’हमर छत्तीसगढ़’’ विषय पर केंद्रीय तीसरे सर्टिफिकेट कोर्स शुरू, 160 प्रतिभागियों को मिलेगा प्रशिक्षण

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग में में ’’हमर छत्तीसगढ़’’ विषय पर केंद्रीय तीसरे सर्टिफिकेट कोर्स शुरू, 160 प्रतिभागियों को मिलेगा प्रशिक्षण


हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग में में ’’हमर छत्तीसगढ़’’ विषय पर केंद्रीय तीसरे सर्टिफिकेट कोर्स शुरू, 160 प्रतिभागियों को मिलेगा प्रशिक्षण

दुर्ग 6 नवंबर । हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग में ’’हमर छत्तीसगढ़’’ विषय पर केंद्रीय तीसरे सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारंभ का कल हुआ। विश्वविद्यालय के डीसीडीसी एवं कोर्स समन्वयक, डाॅ. प्रीता लाल ने बताया कि लगभग 160 प्रतिभागियों की ऑनलाइन उपस्थिति में विश्वविद्यालय की कुलपति, डाॅ.अरूणा पल्टा ने कहा कि विश्वविद्यालय पूरे वर्ष भर में 1-1 माह के 12 सर्टिफिकेट कोर्स आयोजित करेगा। ’’भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के अज्ञात नायक’’ तथा ’’गांधी जी के विचारों पर केंद्रीय दो सर्टिफिकेट कोर्स सितंबर तथा अक्टूबर माह में आयोजित हो चुके हैं। अगामी दिसंबर माह में ’’भारतीय जनजातियों का समाज में योगदान’’ विषय पर सर्टिफिकेट कोर्स आयोजित होगा। हमर छत्तीसगढ़ कोर्स में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को लाभ होगा।
छत्तीसगढ़ के राज्यगीत अरपा पैरी के धार की ऑनलाइन प्रस्तुति के साथ आरंभ हुए इस सर्टिफिकेट कोर्स में विश्वविद्यालय की डीसीडीसी, डाॅ. प्रीता लाल ने हमर छत्तीसगढ़ विषय की प्रासंगिकता एवं सर्टिफिकेट कोर्स के दौरान आयोजित आने वाले आमंत्रित व्याख्यानों की जानकारी दी। डाॅ. लाल के अनुसार कोर्स में छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान, छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा, खानपान, संस्कृति, औद्योगिक नीति, रोजगार के अवसर आदि विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी प्रदान की जावेगी। कोर्स के दौरान छत्तीसगढ़ पर केंद्रीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन भी होगा।
आज सर्टिफिकेट कोर्स के शुभारंभ अवसर पर प्रथम व्याख्यान विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण तथा भूगर्भ शास्त्री डॉ प्रशांत श्रीवास्तव का हुआ। डाॅ. श्रीवास्तव ने पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बहुत सुंदर स्लाइड के जरिये छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान से जुड़े विभिन्न बिन्दु जैसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति, खेलकूद, शिक्षा भूगोल, वन, जलवायु, अभ्यारण्य, पर्यटन स्थलों आदि की रोचक जानकारी दीं। डाॅ. श्रीवास्तव के डेढ़ घंटे चले ऑनलाइन व्याख्यान को सभी प्रतिभागियों ने अत्यंत लाभप्रद बताया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. प्रीता लाल ने किया।