जामुल थाना प्रभारी सहित पांच पुलिस कर्मचारियों पर झूठी शिकायत से अपराध दर्ज करने का व्यापारी ने लगाया गंभीर आरोप, प्रकरण खारिज करने रखी 5 लाख रुपए की मांग, व्हाट्सएप चैट के साथ पुलिस अधीक्षक दुर्ग से की शिकायत

जामुल थाना प्रभारी सहित पांच पुलिस कर्मचारियों पर झूठी शिकायत से अपराध दर्ज करने का व्यापारी ने लगाया गंभीर आरोप, प्रकरण खारिज करने रखी 5 लाख रुपए की मांग, व्हाट्सएप चैट के साथ पुलिस अधीक्षक दुर्ग से की शिकायत


भिलाई नगर 25 अप्रैल । नंदिनी रोड के व्यापारी ने थाना प्रभारी जामुल सहित पांच पुलिस कर्मियों पर उसके खिलाफ झूठी शिकायत पर अपराध पंजीबद करने का आरोप लगाया है। इस पूरे मामले को समाप्त करने के लिए पांचो पुलिस कर्मचारियों पर ₹500000 वसूली करने की शिकायत पुलिस अधीक्षक दुर्ग से व्यापारी ने की है। इसके अलावा शिकायत में व्यापारी ने यह भी उल्लेखित किया है कि थाना प्रभारी जामुल के द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा का हवाला देते हुए उसके दुकान से 55000 रुपए के फर्नीचर की खरीदी भी की गई। इसके भुगतान का मैसेज करने पर वह उत्तेजित हो गए और रंजिश रखते हुए उपरोक्त कार्यवाही की गई है।

व्यापारी संदीप गुप्ता पिता रामबरण गुप्ता, उम्र 39 वर्ष रामलक्ष्मी इंटर प्रायजेस, नंदनी रोड, जामुल होम एप्लाईसेंस के संचालक संदीप गुप्ता ने पुलिस अधीक्षक दुर्ग को की गई शिकायत में उल्लेख किया है कि चुरामन साहू द्वारा वाटर प्यूरीफायर सप्लाई किया जाता था, जिसमें तकनीकी खराबी थी। संदीप गुप्ता ने चुरामन साहू को वॉटर प्यूरीफायर वापस लेने एवं भुगतान की गई राशि लौटाने कहा था। परंतु वॉटर प्यूरीफायर सप्लायर चुरामन साहू ने संदीप गुप्ता के खिलाफ जामुल थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। चुरामन साहू की रिपोर्ट पर से जामुल पुलिस के द्वारा संदीप गुप्ता के खिलाफ अपराध कमांक 101/2024, अंतर्गत धारा 294, 323, 506 के तहत अपराध पंजीबद किया गया। व्यापारी का कहना है कि यह शिकायत झूठी थी। झूठी शिकायत पर से जामुल पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद किया गया ।

थाना जामुल के बुलावे पर पहुंचे थे और विस्तार पूर्वक सारी जानकारी दी। परंतु पुलिस के द्वारा मामले को समाप्त करने के बजाय उसे झूठे मामले में एक दो धाराएं और जोड़ दी गई। व्यापारी द्वारा शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पूरे मामले को समाप्त करने के लिए थाना प्रभारी जामुल, मामले के विवेचक प्रधान आरक्षक विजय साहू, आरक्षक संजय मिश्रा (1229), आरक्षक अजय सिंह (1423) ने षडयंत्र पूर्वक इस पूरे मामले को खारिज करने के लिए उससे ₹500000 की रिश्वत मांगी गई। 7 अप्रैल को थाना प्रभारी ने दुकान पर आकर एक सोफा सेट, सेंटर टेबल और दो टेबल पसंद किए तथा कहा कि, एडिशनल एस.पी. साहब अभिषेक झा साहब के यहाँ भिजवाना है और इसका पैसा मैं दूंगा। व्यापारी ने सारा सामान एडिशनल एस.पी. साहब के यहाँ भिजवाकर उन्हें उनके वाट्सअप नंबर 9479146955 पर सूचना दी और उन्हें 55,000/- रूपये मूल्य बतलाते हुए व्यवहार में जो उचित हो, वह देने का आग्रह किया।व्यापारी ने आरोप लगाया कि इस मैसेज के बाद थाना प्रभारी उत्तेजित हो गए तथा उन्होने विवेचक को व्यापारी के खिलाफ दर्ज अपराध कमांक 101/2024, अंतर्गत धारा 294, 323, 506 भा.द.वि. में एक गंभीर धारा 327 भा.द.वि. जोड़ दी गई। थाने बुलवाकर हिरासत में लिया और आरक्षक संजय मिश्रा (1229), आरक्षक अजय सिंह (1423) ने सारा मामला शांत कराने, चलान पेश कराने, डॉक्टर से मेडिकल रिपोर्ट चेंज कराने के लिए 5 लाख रूपये की मांग की । व्यापारी ने आरोप लगाया कि दोनों आरक्षक के द्वारा यह प्रस्ताव थाना प्रभारी के समक्ष दिया गया था जिनमें उनकी भी सहमति नजर आ रही थी रात्रि 8:00 बजे तक का समय दिया गया। इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थ तथा जताने पर मेरे पास रखे ₹10000 भी दोनों आरक्षकों के द्वारा ले लिए गए। व्यापारी ने आरोप लगाया कि उसे विश्वास हो गया कि थाना प्रभारी विवेचन एवं दोनों ही आरक्षक पांचो पुलिस कर्मचारी की मिली भगत है और वह मुझे रुपए वसूल करना चाहते हैं। व्यापारी द्वारा इस शिकायती आवेदन के साथ थाना प्रभारी जामुल एवं स्वयं के मध्य हुए व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट भी संलग्न किए हैं। पुलिस अधीक्षक से इस पूरे मामले में हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई करने का आग्रह भी किया है। जामुल थाने में दर्ज झूठा अपराध भी खारिज करने का निवेदन पुलिस अधीक्षक से किया है।