भिलाई टाउनशिप में मटमैला पानी आपूर्ति के लिए जल संसाधन विभाग जिम्मेदार, प्रतिदिन 500 क्यूसेक के स्थान पर केवल 141 क्यूसेक जल की आपूर्ति, जिम्मेदार जनप्रतिनिधि मौन, जल आपूर्ति बढ़ाने कलेक्टर से मांगा सहयोग

भिलाई टाउनशिप में मटमैला पानी आपूर्ति के लिए जल संसाधन विभाग जिम्मेदार, प्रतिदिन 500 क्यूसेक के स्थान पर केवल 141 क्यूसेक जल की आपूर्ति, जिम्मेदार जनप्रतिनिधि मौन, जल आपूर्ति बढ़ाने कलेक्टर से मांगा सहयोग


भिलाई टाउनशिप में मटमैला पानी आपूर्ति के लिए जल संसाधन विभाग जिम्मेदार, प्रतिदिन 500 क्यूसेक के स्थान पर केवल 141 क्यूसेक जल की आपूर्ति, जिम्मेदार जनप्रतिनिधि मौन, जल आपूर्ति बढ़ाने कलेक्टर से मांगा सहयोग

 

भिलाईनगर 13 जुलाई । भिलाई इस्पात संयंत्र को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रतिदिन मांग की अपेक्षा 3 गुना से भी कम जलापूर्ति की जा रही है जिसके कारण मरोदा जलाशय का जल स्तर काफी कम हो गया है जिसके कारण पानी में सतही गंदगी ज्यादा मात्रा में मिलकर पानी को दूषित कर रही है जिसके लिए छत्तीसगढ़ शासन का जल संसाधन विभाग उन्नता जिम्मेदार है । यही स्थिति रही तो पुन टाउनशिप को गंदे पानी की आपूर्ति का सामना करना पड़ेगा। संपूर्ण जानकारी होने के बावजूद जिम्मेदार जनप्रतिनिधि मौन धारण करके स्वयं इस जनहित व स्वास्थ्य से जुड़े मामले से स्वयं को दूर रखें हुए है ।

भिलाई इस्पात संयंत्र को औद्योगिक प्रयोजन एवं टाउनशिप के रहवासियों के लिए छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग के द्वारा वार्षिक अनुबंध के तहत पानी की आपूर्ति की जाती है शासन द्वारा दिए जाने वाले पानी का भंडारण भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के द्वारा मरोदा जलाशय में किया जाता है वहां से औद्योगिक प्रयोजन के लिए सीधे संयंत्र को एवं टाउनशिप के ग्राम वासियों के लिए बड़ौदा में स्थापित जल शोधन संयंत्र से शुद्धिकरण के पश्चात आपूर्ति की जाती है । परंतु विगत कई माह से निर्धारित मात्रा के अनुरूप छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा बीएसपी को पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है। जिसके कारण मरोदा जलाशय के जल स्तर में भारी गिरावट आयी है। जल स्तर के गिरने से पानी के साथ जलाशय की गंदगी भी समाहित हो कर आ रही है। जल का निर्धारित मापदंड के अनुरूप फिल्टर प्लांट के माध्यम से उपचार करने के बावजूद पानी साफ नहीं हो रहा है। इसी के चलते विगत कई दिनों तक टाउनशिप में गंदा मटमैला पानी की आपूर्ति करना संयंत्र की मजबूरी रही है इसके लिए संयंत्र के द्वारा अपने स्तर पर लगातार जिला प्रशासन के माध्यम से छत्तीसगढ़ प्रशासन को निर्धारित मात्रा में जल की आपूर्ति करने के लिए पत्र व्यवहार किया गया परंतु जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा जलापूर्ति की मात्रा को बढ़ाने के एवज में गंदे पानी की सप्लाई के लिए संयंत्र प्रशासन पर ही दोष मढ़ा गया। वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा संयंत्र प्रबंधन को केवल 140 क्यूसेक पानी प्रतिदिन दिया जा रहा है जबकि बीएसपी प्रबंधन के द्वारा शासन को प्रतिदिन 500 की ओर से पानी की आपूर्ति करने की मांग रखी थी। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा लगातार कम मात्रा में जल आपूर्ति किए जाने के कारण संयंत्र के उत्पादन इकाईयों के प्रभावित होने की संभावना है, वहीं भिलाई टाउनशिप के जलापूर्ति की गुणवत्ता पर भी इसका सीधा असर दिखाई देने की संभावना बलवती होते जा रही है। मरोदा जलाशय में पानी धीरे-धीरे निचले स्तर पर जाते जा रहा है जिसके कारण पानी में गंदगी व दूषित होने की संभावना बढ़ती जा रही है।  इससे पूर्व जल संसाधन विभाग द्वारा तांदुला से दूषित जलापूर्ति के कारण भिलाई टाउनशिप में मटमैले पानी की समस्या उत्पन्न हुई थी। साथ ही इस दूषित जल से मरोदा जलाशय को भर दिया गया था । जिसे खाली कर दूषित पानी की समस्या को दूर करने हेतु बीएसपी द्वारा खरखरा/गंगरेल से प्रतिदिन 500 क्यूसेक की दर से साफ पानी की आपूर्ति करने की मांग की गई थी। परन्तु जल संसाधन विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति नहीं किये जाने से दूषित जल की समस्या से निपटने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

भिलाई टाउनशिप के रहवासियों को यह अवगत करा देना जरूरी है कि छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा निर्धारित मात्रा से पानी आपूर्ति कम करने की वजह से भिलाई टाउनशिप में पुनः जल संकट उत्पन्न हो सकता है।

स्थिति की गंभीरता से अवगत कराने एवं जल आपूर्ति की समस्या समाधान हेतु बीएसपी प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग से लेकर दुर्ग के कलेक्टर तक से सहयोग हेतु पत्र-व्यवहार कर चुका है।

बीएसपी प्रबंधन ने अपने पत्र के माध्यम से स्थिति को स्पष्ट करते हुए लिखा है कि मरोदा-2 जलाशय में  12 जुलाई, 2021 को संयंत्र (पेयजल एवं औद्योगिक जल) के लिये पानी की उपलब्धता लगभग 21 दिनों की खपत के लिये ही पर्याप्त है। पूर्व में दिनांक 17 मई, 2021 को पेयजल समस्या के निवारण हेतु हुए बैठक एवं  27 मई, 2021 को कार्यपालन अभियंता, तान्दुला जल संसाधन संभाग, दुर्ग के कार्यालय में आयोजित बैठक में चर्चा के दौरान मरोदा-2 जलाशय में जल भराव की दर 80 सेमी (500 क्यूसेक) की दर से करने का अनुरोध किया गया था। वर्तमान में मरोदा-2 जलाशय में 141 क्यूसेक की दर से जलापूर्ति हो रही है। मरोदा-2 जलाशय में पर्याप्त जल भराव न होने के कारण जलाशय में पानी के स्तर में तीव्र गिरावट हो रही है और गुणवत्ता में भी वांछित सुधार नहीं हो पा रहा है।

इस संबंध में बीएसपी प्रबंधन द्वारा कार्यपालन अभियंता, तान्दुला जल संसाधन संभाग, दुर्ग को मरोदा-2 जलाशय की स्थिति एवं जल भराव पर  31 मई , 15 जून , 23 जून  एवं 07 जुलाई 2021 को पत्राचार द्वारा जलापूर्ति की स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया गया। किन्तु जल भराव की दर में अब तक वांछित वृद्धि नहीं देखी गई।