विज्ञान सभा ने बताया उच्च शिक्षा में कृषि का लाभ ,ऑन लाइन वेबीनार में शमिल हुए जिज्ञासु

विज्ञान सभा ने बताया उच्च शिक्षा में कृषि का लाभ ,ऑन लाइन वेबीनार में शमिल हुए जिज्ञासु


विज्ञान सभा ने बताया उच्च शिक्षा में कृषि का लाभ ,ऑन लाइन वेबीनार में शमिल हुए जिज्ञासु       

        

भिलाईनगर 14 जुलाई । ज्ञान विज्ञान की श्रृंखला की कड़ी में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा द्वारा रविवार 11 जुलाई को कृषि विज्ञान की पढ़ाई और करियर की संभावनाएं विषय पर आॅनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ योगेश कुमार मेश्राम असिस्टेंट प्रोफेसर शासकीय कृषि महाविद्यालय जांजगीर चांपा थे और डॉ अंबिका टंडन असिस्टेंट प्रोफेसर आइजेकेवीवी रायपुर ने आधार व्यक्तव्य दिया।  वक्तागणो ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान देने वाले कृषि के क्षेत्र में नई रोजगार की संभावनाओं को बहुत ही विस्तार से बताया तथा विद्यार्थियों को कृषि विज्ञान की पढ़ाई के लिए प्रमुख कृषि संस्थानों, उनमें उपलब्ध विभिन्न कोर्स, कोर्स की  अवधि ,यह कोर्स कहां-कहां उपलब्ध है, तथा  अनुमानित शुल्क की विस्तार से पावर पाइंट प्रजेंटेशन द्वारा जानकारी दी। अध्यक्षता कर रहे प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर और विज्ञान सभा के रिसोर्स पर्सन बी के लाल  ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में करियर बनाने की अपार संभावनाएं हैं। इसके  माध्यम से रोजगार के अवसर प्राप्त कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा जा सकता है और सुनहरा भविष्य बनाया  जा सकता है। 

समस्त कार्यक्रम का संयोजन विज्ञान सभा के विश्वास मेश्राम ने किया जबकि  सुचारु संचालन अंजू मेश्राम तथा अजय भोई  ने किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए मनीषा चंद्रवंशी इस विषय पर वेबीनार रखे जाने की जरूरत बताते हुए स्कूली विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र में पढ़ाई के अवसरों के संबंध में वक्ताओं से सवाल जवाब के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम अत्यंत  ज्ञानवर्धक तथा सफल रहा । 

यह मार्गदर्शन कार्यक्रम यूट्यूब पर भी अपलोड  है जिससे भविष्य में भी विद्यार्थी और उनके पालकगण मार्गदर्शन लेकर  कृषि के क्षेत्र में नये नये फील्ड में अपना करियर की योजना बना सकते हैं। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के अध्यक्ष और प्रसिद्ध टेक्सोनामिस्ट प्रोफेसर एम एल नायक ने वर्तमान समय में उच्च शिक्षा के लिए कृषि विज्ञान की पढ़ाई के लिए देश भर के छात्र-छात्राओं का आह्वान किया। उन्होंने इस वेबीनार के वक्ताओं डा. अंबिका टंडन तथा डा. योगेश कुमार मेश्राम द्वारा दिये गए मार्गदर्शन को अत्यधिक उपयोगी बताया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन विज्ञान सभा के राज्य सचिव तथा पर्यावरण वैज्ञानिक डा वाय के सोना ने दिया।