राजीव गांधी सरकार का वो अजीबो-ग़रीब प्रोटोकॉल जिसने ले ली थी अभिनेता “राज कपूर” की जान
सीजी न्यूज आनलाइन डेस्क, 26 जुलाई। मशहूर अभिनेता राज कपूर का निधन 2 जून 1988 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ था।
बात सन 1988 की ही है। भारतीय सिनेमा में उल्लेखनीय कार्य के लिए बॉलीवुड अभिनेता राज कपूर को केंद्र सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ऐसे में राज कपूर अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली में आयोजित समारोह में भाग लेने पहुंचे हुए थे लेकिन इस दौरान हुई एक दर्दनाक घटना ने उनकी जान ही ले ली।
दरअसल, ये समारोह दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था। इस दौरान राज कपूर अपने परिवार के सदस्यों के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंचे हुए थे। हालांकि, कुछ रिपोर्टों में ये भी कहा गया है कि ये समारोह दिल्ली के सिरी फ़ोर्ट में आयोजित किया गया था।
राज कपूर की उम्र तब 64 वर्ष थी और वो अस्थमा से पीड़ित थे, लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ स्थिर थे। राज कपूर जब राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो उन्हें सुरक्षा कारणों से संबंधित प्रोटोकॉल के कारण ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली। ऐसे में उन्हें इसके बिना ही समारोह में शामिल होना पड़ा। समारोह के दौरान भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेकटरमण अपना भाषण दे रहे थे। इसके बाद राज कपूर को अवॉर्ड दिया जाने वाला था लेकिन बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के राज कपूर को बेचैनी सी होने लगी। इस बीच जब अवॉर्ड लेने के लिए राजकपूर का नाम पुकारा गया तो वो उठते ही ज़मीन पर गिर पड़े। उठने के बाद वो चल भी नहीं पा रहे थे। इस दौरान उनकी बिगड़ती हालत को देख राष्ट्रपति आर वेंकटरमण प्रोटोकॉल तोड़ ख़ुद राज कपूर को सम्मान देने के लिए उनके पास गए। इसके तुरंत बाद राज कपूर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 1 महीने से अधिक समय तक सांस की दिक़्क़त से जूझने के बाद वो चल बसे। यदि किसी अतिथि को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रपति प्रोटोकॉल को तोड़ सकता है तो फिर उसी अतिथि को जीवन रक्षक उपकरण की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकी? हमें ये भी सीखना होगा कि यदि हम किसी को आमंत्रित कर रहे हैं तो उसकी सुरक्षा के पर्याप्त उपाय भी किए जाने चाहिए क्योंकि जीवन हर किसी के लिए अनमोल है। फिल्म जगत के विशेषज्ञ मानते हैं कि समारोह में सिलेण्डर से राजकपूर को दूर करना ही उनके जीवन के लिए घातक साबित हुआ। राजीव गांधी सरकार में बना प्रोटोकॉल का कायदा अगर थोड़ा लचीला होता तो राज कपूर इस तरह परेशान हो पुनः हास्पिटलाइज न होते।