छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में ऐतिहासिक राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का मुख्यमंत्री ने अभी अभी किया शुभारंभ 👁️‍🗨️ देखिए विडियो 🟠 आज शण्मुख प्रिया और शरद शर्मा भी देंगे प्रस्तुति

<em>छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में ऐतिहासिक राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का मुख्यमंत्री ने अभी अभी किया शुभारंभ 👁️‍🗨️ देखिए विडियो 🟠 आज शण्मुख प्रिया और शरद शर्मा भी देंगे प्रस्तुति</em>



सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 1 जून। छत्तीसगढ़ के भांचा राम की धुन सुनने और सुनाने के लिए उनके ननिहाल में देश-विदेश से लोग जुटे हैं। रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का अभी अभी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुभारंभ किया है। चूंकि भगवान राम ने अपने वनवास का सबसे ज्यादा समय दण्डकारण्य यानी छत्तीसगढ़ में बिताया था इसलिए अरण्यकांड की थीम पर मंच को सजाया गया है। शुभारंभ अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के मंत्रीगण तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता मंचस्थ हैं। आम जनता में भी महोत्सव को लेकर गजब का उत्साह नजर आ रहा है। महोत्सव में अरण्य कांड पर आधारित रामकथा की प्रस्तुति राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दलों द्वारा होगी।


आपको बता दें कि अरण्य कांड तुलसीदास कृत रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण का ऐसा हिस्सा है, जिसमें भगवान राम के वनवास के दिनों का वृतांत है जिसमें माता सीता और भाई लक्ष्मण ने भी उनके साथ वनवास किया था। छत्तीसगढ़ में ऐसी 9 पुण्यभूमि हैं जो राम-वन-गमन परिपथ में शामिल हैं, जिस पथ से भगवान राम गुजरे थे। दंडक वन में हुई इन घटनाओं को वाल्मीकि रामायण और इसके बाद अनेक भाषाओं में लिखी गई रामायण में अंकित किया गया है। साथ ही विभिन्न कलारूपों में भी यह शामिल हैं। महोत्सव में इंडोनेशिया और कंबोडिया रामायण दलों द्वारा मंचन भी होगा। कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर और इंडोनेशिया के जावा के मंदिरों में रामायण के रूपों का अंकन किया गया है। इसी के साथ इन्हें ललित कलाओं में भी प्रस्तुत किया गया।


रामायण महोत्सव के दौरान दक्षिण पूर्वी एशिया के इन देशों में रामायण के प्रचलित रूपों की झलक मिलेगी।‌ रामकथा की प्रस्तुति में भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कलारूपों में होती है। विभिन्न राज्यों में कुछ रामायण मंडलियों ने अपनी खास प्रस्तुति से अपना अलग ही मुकाम बनाया है। अरण्यकांड पर इनकी भव्य प्रस्तुति आयोजन की सबसे खास विशेषता होगी। पहले दिन आज अरण्य कांड पर उत्तराखंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ राज्यों में प्रतियोगिता होगी। दूसरे दिन झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, असम, हिमाचल प्रदेश, गोवा और छत्तीसगढ़ राज्य के बीच प्रतियोगिता होगी।

समापन समारोह पर विजेता दलों को पुरस्कृत किया जाएगा। कंबोडिया और इंडोनेशिया के दल देंगे प्रस्तुति महोत्सव के दौरान रामकथा अलग-अलग रूप दर्शकों को देखने मिलेंगे। इंडोनेशिया और कंबोडिया में फैले राम कथा के अलग-अलग रूपों की झलक दर्शकों को मिलेगी। रामकथा इन देशों के कलाकारों ने अपने खास कलारूपों में प्रस्तुत करते हुए अपनी धरोहर को अब तक कायम रखा है। रामायण महोत्सव के दौरान इन कलारूपों को देखना छत्तीसगढ़ के दर्शकों के लिए कुछ अलग और खास होगा। महोत्सव के दौरान तीनों दिन सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ होगा। समापन समारोह के दिन महाआरती और दीपदान का आयोजन भी होगा।
कार्यक्रम के औपचारिक शुरूआत के बाद अभी हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ होगा। यह हनुमान चालीसा का पाठ स्थानीय कलाकार और पुरोहितों के द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर विदेशी और अंतर्राज्यीय कलाकारों द्वारा मार्च पास्ट जारी है। राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज कलाकार कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। समारोह के पहले दिन राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इंडियन आइडल कलाकार शण्मुख प्रिया और सारेगामा के कलाकार शरद शर्मा अपनी प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम के दूसरे दिन बाबा हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह लक्खा भजन संध्या की प्रस्तुति करेंगे। समापन समारोह के दिन मैथिली ठाकुर भजन संध्या की प्रस्तुति करेंगी और अंतिम कार्यक्रम कुमार विश्वास का होगा जो अपने-अपने राम म्यूजिक नाइट में प्रस्तुति देंगे।