पढ़िए…..निगम में 27 करोड़ का होर्डिंग्स घोटाला 🟥 एक पूरा ऐसा चौराहा बना दिया गया जिसे किसने बनाया – कलेक्टर, विधायक, महापौर, पार्षद, निगम प्रशासन के जिम्मेदार खुद नहीं जानते 🟥 महापौर ने कहा – “मुझसे छिपा कर अफसरों ने किया है घालमेल, करवाउंगा FIR और अवैध चौक भी तोड़ा जाएगा”

<em>पढ़िए…..निगम में 27 करोड़ का होर्डिंग्स घोटाला 🟥 एक पूरा ऐसा चौराहा बना दिया गया जिसे किसने बनाया – कलेक्टर, विधायक, महापौर, पार्षद, निगम प्रशासन के जिम्मेदार खुद नहीं जानते 🟥 महापौर ने कहा – “मुझसे छिपा कर अफसरों ने किया है घालमेल, करवाउंगा FIR और अवैध चौक भी तोड़ा जाएगा”</em>



सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 5 मई। महापौर से छिपाकर निगम के अफसरों ने 27 करोड़ का घोटाला कर दिया है। एक अवैध चौक भी बनवा दिया गया है। अब जानकारी सामने आने पर निगम प्रशासन FIR कराने की तैयारी में है और अवैध चौक तोड़ने का भी ऐलान कर दिया गया है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की। यहां 27 करोड़ का होर्डिंग घोटाले का बड़ा मामले सामने आया है। नगर निगम के अफसरों ने एड एजेंसियों से पैसे लेकर जहां मन में आया वहां पोल लगवाकर होर्डिंग लगवा दी और रायपुर के माता सुंदरी स्कूल के सामने चौराहे पर एक ठेकेदार को काम देकर वहां अपनी मर्जी से चौराहा बनवा दिया। इसकी जानकारी न पार्षद को है, न कलेक्टर को न विधायक को और न ही खुद निगम के महापौर को है। बताया गया है कि महापौर से छिपाकर अफसरों ने 27 करोड़ का घपला किया है। अब महापौर एजाज ढेबर ने कहा है कि होर्डिंग घोटाला करने वाले अफसरों के खिलाफ FIR करवाएंगे और अवैध चौक को तोड़ने के आदेश भी उन्होंने दे दिया है।
आपको बता दें कि निगम के अफसरों की इस गड़बड़ी को खुद महापौर एजाज ढेबर ने पकड़ा है। उन्होंने बताया कि मेरी जानकारी के बगैर अधिकारियों ने होर्डिंग के टेंडर का काम दे दिया, मनमानी ढंग से रेट दिए गए। माता सुंदरी स्कूल के पास बने चौक को लेकर कहा कि इसे किसने बनाया और काम कौन कर रहा है इसकी किसी को जानकारी नहीं है, उसकी तलाश की जा रही है। इसमें भी अधिकारियों की मिलीभगत होगी। जिस पर कार्रवाई की जाएगी। महापौर एजाज ढेबर ने कल MIC की बैठक ली। इसके बाद उन्होंने कहा-मैंने जांच में पाया है कि जो अभी होर्डिंग्स लगी हैं उनमें अनियमितता है, जिसे मन चाहा टेंडर दिया गया है। 15 बाय 9 की साइज मनमानी ढंग से 18 बाय 18 किया गया। रेट जो लगने थे नहीं लगे। एमआईसी में रेट फाइनल करने का प्रस्ताव आना चाहिए था, नहीं आया। शहर में बेतरतीब होर्डिंग, यूनिपोल लग गए वो होर्डिंग अवैध है। 7 लोगों की समिति बनाई गई है, मैं भी समिति मे हूं, मेरे आंकलन के मुताबिक करीब 27 करोड़ का घोटाला हुआ है। महापौर होने के नाते मैं चाहता हूं कि निगम का राजस्व बढ़े, मगर ऐसी बढ़ोतरी नहीं चाहिए, अफसरों ने एड एजेंसियों के मुताबिक काम कर दिया है। जो भी अधिकारी इसमें शामिल होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। जो बचते रहता है वो सही है जो पकड़ा गया चोर है, बहुत दिन से ये चल रहा था। अब पकड़ में आया है, मुझे 20 दिन लगे स्टडी करने में कागजों में घुमाकर काम किया गया है। इसके लिए मैंने 4 एक्सपर्ट लोगों से बात की 2 आदमी बाहर से बुलाए गए। तब पता लगा कि गड़बड़ी हुई है। 27 करोड़ का नुकसान जो हुआ उसकी भरपाई हम करेंगे। किसी एजेंसी को 900 रुपए में काम दिया किसी को सिर्फ 400 रुपए में। यदि मैं संतुष्ट नहीं हुआ तो लोकायुक्त में जाउंगा, ये मामला शहर की सुरक्षा की दृष्टि जुड़ा है। अगर कल को कोई हादसा हुआ तो जवाबदार कौन होगा?
जिन कंपनियों ने लॉस बताया उन्हें भी काम दिया गया है, जिनके चेक बाउंस हुए ऐसी कंपनियों को काम दिया गया है मगर इसमें अब जितने होल्डिंग्स लगे हैं, सबको नापा जाएगा। सबका टेंडर ऑनलाइन किया जाएगा। यहां से नहीं होगा तो जहां भी जाना पड़े चाहे सीएम के पास जाना पड़े जाएंगे, क्योंकि ये रायपुर के विकास से जुड़ा मुद्दा है।
रायपुर के एक चौराहे को कौन बना रहा है, क्यों बना रहा है, किसने इसकी अनुमति दी, इसका बजट कहां से आया? महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि ये किसी को नहीं पता। महापौर ने कहा इसके पीछे कौन है यह उन्हें ढूंढना पड़ेगा शहर के बाकि हिस्सों का विकास उन्हीं से करवाएंगे। ये चौक अवैध है। इसे तोड़ने के आदेश एमआईसी की बैठक में दे दिए गए हैं। किसने बनाया ये चौराहा इसकी जांच करेंगे। ये चौराहा रायपुर के माता सुंदरी स्कूल के पास है, ये सड़क कलेक्टर दफ्तर चौक और पंडरी को जोड़ती है।