निर्मला के सप्तर्षि बजट से छत्तीसगढ़ में जागी “नई उम्मीद” 🟫 एकलव्य आवासीय विद्यालयों में भर्तियां 🟩 विशेष जनजातियों का तेज विकास 🟦 मिलेट एक्सपोर्ट का भी होगा फायदा

<em>निर्मला के सप्तर्षि बजट से छत्तीसगढ़ में जागी “नई उम्मीद” 🟫 एकलव्य आवासीय विद्यालयों में भर्तियां 🟩 विशेष जनजातियों का तेज विकास 🟦 मिलेट एक्सपोर्ट का भी होगा फायदा</em>



सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 1 फरवरी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज पेश किए गए आम बजट ने छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं बनाई हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी जिलों में एकलव्य आवासीय विद्यालयों में नई भर्तियों, विशेष संरक्षित जनजातियों के विकास के लिए शुरू हुए नए मिशन और मिलेट निर्यात को बढ़ावा देने की नीति से छत्तीसगढ़ को खासा फायदा होता दिख रहा है। विशेष संरक्षित जनजातियों के विकास के लिए प्रधानमंत्री PVTG डेवलपमेंट मिशन की घोषणा की है। इसके तहत अगले तीन साल तक 15 हजार करोड़ रुपया खर्च किया जाना है। छत्तीसगढ़ में इन विशेष संरक्षित जनजातियों में बैगा, पहाड़ी कोरबा, अबूझमाड़िया, कमार और बिरहोर की अच्छी खासी आबादी है। इस मिशन से इस आबादी को पक्का आवास, पेयजल, सड़क, बिजली और सतत आजीविका के साधन दिये जाने हैं।
गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा आदिवासी बहुल है। यहां के 24 जिलों 73 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय हैं। इन स्कूलों के जरिये आदिवासी बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाई और आवास की सुविधा दी जाती है। केंद्रीय बजट कहा गया है कि देश भर के ऐसे विद्यालयों में 38 हजार 800 शिक्षकों और सहायक कर्मियों की भर्ती होनी है। छत्तीसगढ़ के इन स्कूलों में करीब 4 हजार पद रिक्त हैं। बजट घोषणा से उम्मीद बढ़ी है कि इस साल इन रिक्त पदों पर भर्तियां पूरी हो जाएंगी। इसका फायदा रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं और वहां पढ़ने वाले बच्चों को भी मिलेगा।