शिक्षा कर्मी से प्रदेश में एसडीएम बनी मैडम ने शिक्षकों से कहा- दो साल से तुम लोग हराम की खा रहे हो…

शिक्षा कर्मी से प्रदेश में एसडीएम बनी मैडम ने शिक्षकों से कहा- दो साल से तुम लोग हराम की खा रहे हो…


शिक्षा कर्मी से प्रदेश में एसडीएम बनी मैडम ने शिक्षकों से कहा- दो साल से तुम लोग हराम की खा रहे हो…  

मनेन्द्रगढ़, 24 जुलाई। जिस दिन मुख्यमंत्री और राज्यपाल प्रदेश के शिक्षकों का कोरोना काल में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिये सम्मानित कर रहे थे उसी दिन जिले की एसडीएम नयनतारा सिंह तोमर ने उनके खिलाफ भरी सभा में अमर्यादित टिप्पणी कर दी।

छात्र-छात्राओं का जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिये मनेन्द्रगढ़ ब्लॉक के दूरस्थ इलाके बिहारपुर मं एक शिविर लगाया गया था। यहां पहुंची एसडीएम ने शिविर के आयोजन की तारीफ करने के बजाय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को जमकर फटकार लगाई। शिक्षकों से भी अभद्र व्यवहार करते हुए कहा कि दो साल से तुम लोग बैठे-बैठे हराम की तनख्वाह खा रहे हो, तुम लोग तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से भी गये गुजरे हो।

एसडीएम नयनतारा सिंह तोमर ने खुद भी अपने कैरियर की शुरूआत शिक्षा कर्मी से की थी। शिक्षकों के खिलाफ उनके बर्ताव से शिक्षकों में भारी नाराजगी है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसियेशन ने एक बैठक लेकर उनके व्यवहार की निंदा की है और कलेक्टर से उनके निलम्बन की मांग की है। उनका कहना है कि खुद जिन्होंने शिक्षक के रूप में अपनी शासकीय सेवा शुरू की उनकी ऐसी सोच समझ से परे है।

एसोसियेशन के ब्लॉक अध्यक्ष अभय तिवारी का कहना है कि दो साल से शिक्षक कोरोना काल में अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं। कोरोना प्रभावितों का घर-घर सर्वे, नाकों पर दूसरे प्रदेशों, जिलों से आने वाले वाहनों की इंट्री, तेंदूपत्ता वितरण, पुस्तक वितरण, ड्रेस और सूखा राशन बच्चों में बांटना, बच्चों की ऑनलाइन इंट्री और ऑनलाइन तथा मोहल्ला क्लास चलाकर शिक्षकों ने महामारी में शिक्षा पर कम से कम असर पड़े इसकी जिम्मेदारी निभाई है। राज्य स्तर पर मुखिया जहां शिक्षकों को इन कार्यों के सम्मानित कर उत्साह बढ़ा रहे हैं, वह हतोत्साहित करने में लगी हैं।

एसडीएम तोमर के बारे में पता चला है कि भ्रमण के दौरान वे अधीनस्थ कर्मचारियों से तू-तड़ाक से बात करती हैं। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अपने रिश्तेदारों को मनेन्द्रगढ़ बुलाकर वीआईपी ट्रीटमेंट उपलब्ध कराया। उन्होंने एक आदेश निकालकर एंटिजन टेस्ट को अमान्य कर दिया था और अवकाश के लिये आरटीपीसीआर टेस्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया था। उनके राजस्व प्रकरणों के निपटारे और दुर्व्यवहार को लेकर जशपुर और सारंगढ़ में भी पदस्थापना के दौरान विवाद हुए हैं।

रायपुर में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिययेशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में ड्यूटी करते हुए सैकड़ों शिक्षक असमय मृत्यु का शिकार हो गये। उनके परिवारजनों को अनुकम्पा नियुक्ति के लिये धरने पर बैठना पड़ रहा है। ऐसे में शिक्षकों के लिये कहना कि वे दो साल से हराम की तनख्वाह खा रहे हैं, दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह का अपमान संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा।