कामधेनु विश्वविद्यालय में विस्तार शिक्षा परिषद की द्वितीय बैठक में विभिन्न विस्तार गतिविधियों पर हुआ मंथन

कामधेनु विश्वविद्यालय में विस्तार शिक्षा परिषद की द्वितीय बैठक में विभिन्न विस्तार गतिविधियों पर हुआ मंथन


कामधेनु विश्वविद्यालय में विस्तार शिक्षा परिषद की द्वितीय बैठक में विभिन्न विस्तार गतिविधियों पर हुआ मंथन

दुर्ग 12 जुलाई । दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग में विस्तार शिक्षा परिषद की द्वितीय बैठक दिनांक 12 जुलाई 2021 को कृषि विज्ञान केंद्र अंजोरा दुर्ग के प्रशिक्षण कक्ष में आयोजित हुई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डाँ. एन.पी. दक्षिणकर दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विस्तार शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं निदेशक विस्तार डॉ. आर.पी. तिवारी सभी सम्मिलित परिषद सदस्यो एवं आमंत्रित अतिथियों का पुष्पगुच्छ द्वारा स्वागत किया गया। डॉ.तिवारी के स्वागत भाषण में विगत वर्ष 2021 के विचार गतिविधियों एवं आगामी वर्ष 2021-22 के कार्य योजना का विभिन्न इकाइयों का प्रस्तुतीकरण एवं विस्तार शिक्षा परिषद की प्रथम बैठक का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रथम बैठक की कार्य योजना, सुझाव की विभिन्न इकाइयों द्वारा कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए कार्य की समीक्षा एवं आगामी वर्ष की विस्तार गतिविधियों की कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  कुलपति ने छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरूवा घुरवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय में संचालित महाविद्यालयों, वेटनरी पॉलिटेक्निक एवं कृषि विज्ञान केंद्र अंजोरा द्वारा अंगीकृत गौठानो के चार माह में हरा चारा जुलाई माह के अंत तक लगवाना सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किये। उन्होंने गौठान ग्रामों का डेटा संधारण करने का सुझाव दिया जिससे उसका प्रभाव दिखे। गौठान ग्रामों में सामुदायिक मुर्गी, बटेर पालन को बढ़ावा दें। पशु दाना स्वयं तैयार करने हेतु फीड मिल का प्रस्ताव बनाया जाए एवं पशु दाना बनाने हेतु कृषक तथा महिला समूह तैयार किया जाए जिससे उनका आय अर्जन हो सके। टी.एस.पी.बस्तर के प्रमुख अन्वेषक डॉ. किशोर मुखर्जी ने बताया कि विगत वर्ष कुक्कुट, मुर्गी एवं बकरी पालन का स्तर जिलों के विभिन्न गांव में पांच एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया तत्पश्चात सर्वे कर सुकर पालन हेतु 10 आदिवासी महिला हितग्राही, मुर्गी पालन हेतु 20 आदिवासी हितग्राही एवं बकरी पालन हेतु 60 आदिवासी हितग्राही का चयन किया गया उनका सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ तथा ग्राम छोटे कवाली में 20 आदिवासी हितग्राहियों को कुल 200 बकरियां प्रदान की गई। जिसका टीकाकरण, स्वास्थ्य परीक्षण, कृमि नाशक दवा का कार्यक्रम चलाया है एवं आर्थिक सर्वेक्षण डेटा लिया जा रहा है अभी तक उनके 54 मेमने प्राप्त हुए हैं। प्रमुख अन्वेषकटी.एस.पी. सरगुजा डॉ.ओ.पी.दीनानी द्वारा बताया गया कि यह प्रोजेक्ट जिला सरगुजा एवं सूरजपुर में क्रियान्वित है एवं चार। एक दिवसीय मुर्गी पालन पर जागरूकता कार्यक्रम सूरजपुर एवं सरगुजा के विभिन्न ग्रामों में चलाया गया तत्पश्चात सर्व एवं विभाग के संयुक्त तत्वाधान  से 100 आदिवासी हितग्राहियों का चयन किया गया जिसके 93 महिला एवं सात पुरुष है उनका सात दिवसीय कुक्कुट पालन कर प्रशिक्षण कर समापन हो गया है एवं आगामी सितंबर माह में चूजा वितरित किए जाएंगे डॉ.दीनानी ने पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय द्वारा तैयार किए गए विस्तार कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया। समन्वयक वेटनरी पॉलिटेक्निक दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग डॉ.एस.डी. हिरपुरकर उनका सूरजपुर, जगदलपुर, महासमुंद एवं राजनांदगांव वेटनरी पॉलिटेक्निक द्वारा अंगीकृत गौठानों की गतिविधियां एवं जगदलपुर तथा सूरजपुर में टी.एस.पी. की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। निदेशक अनुसंधान सेवाएं डॉ.ओ.पी.मिश्रा द्वारा विकासखंड धमधा एवं पाटन में बकरी वितरण एवं उनकी परफॉर्मेंस के बारे में बताया। इसी प्रकार मत्स्यिकी महाविद्यालय, कवर्धा द्वारा अंगीकृत गौठानो मत्स्य प्रशिक्षण एवं विस्तार गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण किया गया। दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर द्वारा अंगीकृत गौठानो एवं महाविद्यालय द्वारा संचालित विस्तार गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण किया गया। कामधेनु एवं पंचगव्य द्वारा पंचगव्य उत्पाद प्रशिक्षण एवं अन्य विस्तार गतिविधियों की जानकारी दी गई कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा विगत वर्ष 2020-21 में विस्तार गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण किया गया है। उक्त में कोविड-19 से दिवंगत परिषद सदस्यों डॉ.पी.के मरकाम, डॉ. शरद मिश्रा एवं डॉ. एम.आर. पोयम को श्रद्धांजलि देकर बैठक संपन्न हुई।