अस्पताल छिपा रहा मौतों का आंकड़ा! ,सात बच्चों के शव निकले अस्पताल से बाहर-परिजन ,सिर्फ दो की गई जान-प्रशासन

अस्पताल छिपा रहा मौतों का आंकड़ा! ,सात बच्चों के शव निकले अस्पताल से बाहर-परिजन ,सिर्फ दो की गई जान-प्रशासन


अस्पताल छिपा रहा मौतों का आंकड़ा! ,सात बच्चों के शव निकले अस्पताल से बाहर-परिजन ,सिर्फ दो की गई जान-प्रशासन

रायपुर, 21 जुलाई। रायपुर के जिला अस्पताल में 7 बच्चों की मौत की खबरों के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है, अस्पताल में भर्ती बच्चों के परिजनों ने कहना कि जिला अस्पताल में 7 बच्चों की मौते हुई हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन इस बात को नकार रहा है। हास्पिटल प्रशासन का कहना है कि केवल दो बच्चों की है मौत हुई है। इस मामले को संज्ञान लेते हुए कलेक्टर सौरभ कुमार ने आज जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के लिए जिला अस्पताल पहुंचे कलेक्टर सौरभ कुमार ने कहा कि अस्पताल में हर बच्चे का फिजिकली रिकॉर्ड रखा जाता है, इसके साथ ही ऑनलाइन रिकार्ड भी रखा जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटो में 2 बच्चों की मृत्यु हुई है, जो बहुत गम्भीर है। उन्होंने कहा कि हमें ये ध्यान देना है की 25 बच्चे अभी भी वेंटीलेटर पर हैं और 13 बच्चे अलग अलग विलिंग में हैं। कुछ बच्चे अपनी मां के साथ बैड पर हैं। उन्होंने कहा की 2 बच्चों की मृत्य होना गंभीर बात है।

अमलेश्वर से आए एक युवक ने बताया, शाम 7 बजे से रात 9 बजे के बीच ही तीन बच्चों की मौत हुई है। कल सुबह से कम से कम छह बच्चों के शवों को उन्होंने बाहर जाते हुए देखा है। एक अन्य बच्चे के परिजन ने बताया, कल रात को जिस बच्चे की मौत के बाद हंगामा हुआ उसको डॉक्टरों ने निजी अस्पताल जाने को कह दिया था। परिजनों ने एम्बुलेंस भी बुला ली, लेकिन ऑक्सीजन सहित बच्चे को वहां तक ले जाने को डॉक्टर तैयार नहीं थे। करीब आधे घंटे बाद बच्चे की मौत हो गई।

जिला अस्पताल में नर्सरी इंचार्ज डॉ. ओंकार खंडेलवाल ने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। जिस वक्त मामले को हवा दी जा रही थी 15 से ज्यादा बच्चे वेंटिलेटर पर थे। यदि ऑक्सीजन की कमी होती, तो सभी की मौत हो सकती थी। बड़ी संख्या में बच्चों का उपचार यहां पर हो रहा है। संवेदनशील मामले भी अन्य जगहों से रेफर होकर आते हैं और अस्पताल अपनी जिम्मेदारी में उनका उपचार भी करता है, लेकिन रोजाना एक से दो बच्चों की मौत होती ही है। तमाम प्रयासों के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 37 बच्चों का उपचार जारी है, जिसमें से 23 की हालत नाजुक है।