सूदखोरों से तंग आकर इंजीनियर ने जहर खाकर की आत्महत्या, एसपी के नाम लिखें 6 पन्ने के सुसाइड नोट में बया की प्रताड़ना, पार्षद, सरपंच एवं एक अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज

सूदखोरों से तंग आकर इंजीनियर ने जहर खाकर की आत्महत्या, एसपी के नाम लिखें 6 पन्ने के सुसाइड नोट में बया की प्रताड़ना, पार्षद, सरपंच एवं एक अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज


सूदखोरों से तंग आकर इंजीनियर ने जहर खाकर की आत्महत्या, एसपी के नाम लिखें 6 पन्ने के सुसाइड नोट में बया की प्रताड़ना, पार्षद, सरपंच एवं एक अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज

बिलासपुर 23 सितंबर । बिलासपुर में कांग्रेस नेता व पार्षद, सरपंच सहित एक अन्य पर पुलिस ने इंजीनियर को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित का केस दर्ज किया है। इंजीनियर ने सुसाइड नोट लिखकर 1 सप्ताह पहले जहर खा लिया था। इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी । उसने मरने से पहले सुसाइड नोट में अपनी मौत के पहले प्रताड़ना की पूरी कहानी लिखी है।

सूदखोरी करने वाले नेताओं ने उनसे चार गुना ब्याज वसूल लिया और उनकी कार को भी बिक्रीनामा लिखवाकर हड़प लिया। शिकायत के बाद भी राजनीतिक दखल के चलते उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे मजबूर होकर इंजीनियर को सुसाइड करना पड़ा। मामला सकरी थाना क्षेत्र का है।

आसमा सिटी में रहने वाले ऋषभ निगम इंजीनियर थे। उनकी आसमा सिटी में इलेक्ट्रानिक्स सामानों की दुकान है। 16 सितंबर की सुबह उन्होंने अपने घर में जहर खा लिया था। उसकी तीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद पुलिस केस की जांच कर रही है।

इंजीनियर ने पुलिस अधीक्षक के नाम लिखा सुसाइड नोट

आत्महत्या करने से पहले इंजीनियर ऋषभ ने 15 सितंबर को पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के नाम छह पन्ने का सुसाइड नोट लिखा था, जिसे पुलिस ने जब्त किया है। उन्होंने लिखा है कि जितेंद्र मिश्रा से चार लाख रुपए उधार लिए थे। इसके एवज में जितेंद्र हर सप्ताह 40 हजार रुपए ब्याज वसूलता था। इसके अलावा ऋषभ ने कांग्रेस नेता और वार्ड नंबर एक के पार्षद अमित भारते से भी अलग-अलग किश्तों में चार लाख रुपए उधार लिए थे। पार्षद ने उससे तीन लाख रुपए प्रतिमाह 10 प्रतिशत ब्याज में दिया था। इसी तरह एक लाख का हर दिन 10 प्रतिशत ब्याज वसूलता था। ब्याज की रकम नहीं दे पाने पर उसने इंजीनियर की दुकान से इलेक्ट्रानिक सामान भी लिया। इसी तरह वह दुकान से सामान उठाकर ले जाता था। हांफा के सरपंच संदीप मिश्रा से दो लाख रुपए उधार लिया था। इसका हर महीने 10 प्रतिशत ब्याज देता। तीनों ने उनके नाम पर लोन में सामान भी लिए हैं। बाद में उन्होंने उनकी कार को भी बिक्रीनामा करा लिया और ब्याज में रकम काट लिया।

पत्नी के गहनों को रखवा दिया गिरवी

इंजीनियर ने अपने सुसाइड नोट में बताया कि वह सूदखोरों को ब्याज देकर परेशान हो गया था। ब्याज नहीं दे पाने पर सूदखोरों ने उनकी पत्नी के जेवर गोल्ड लोन कंपनी में गिरवी रखवा दिए। वहीं, दोनों के नाम पर महंगी घड़ी और इलेक्ट्रॉनिक सामान फाइनेंस करवा कर लिया है। इसके बाद भी वे पति-पत्नी को परेशान करते थे।

सुसाइड नोट में लिखी अपनी प्रताड़ना की कहानी

सुसाइट नोट में लिखा- अब मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं है इंजीनियर ने सुसाइड नोट में सूदखोर कांग्रेस नेताओं की प्रताड़ना की पूरी कहानी लिखी है। उन्होंने लिखा है कि इन लोगों से वे त्रस्त हो चुके हैं। अब मेरे में हिम्मत नहीं है। क्योंकि मैं इनसे न लड़ सकता, न उनके मन मुताबिक पैसा दे सकता। कांग्रेस पार्षद होने के चलते मैं इन लोगों का कुछ नहीं कर सकता। इन सबसे लेनदेन में मेरी फैमिली का कोई हाथ नहीं है। उन्हें परेशान न किया जाए। आज मैं बहुत मजबूर होकर यह कदम उठाने जा रहा हूं। अब मुझमें कोई सहनशक्ति नहीं बची है। मेरे पास मरने के अलावा कोई उपाय नहीं है। इन सबको सजा जरूर दें।

आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का अपराध दर्ज

इंजीनियर के सुसाइड नोट और उनकी पत्नी श्रुति निगम का बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपी कांग्रेस नेता और पार्षद अमित भारते, सरपंच संदीप मिश्रा और जितेंद्र मिश्रा के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने और कर्जा एक्ट का केस दर्ज किया है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद इंजीनियर के सुसाइड नोट को जांच के लिए हैंडराइटिंग एक्सपर्ट को भी भेज दिया है।

सूदखोरों के खिलाफ शिकायत करने की अपील

इंजीनियर की मौत और सुसाइड नोट सामने आने के बाद SSP पारुल माथुर ने ऐसे केस को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी थानेदारों को सूदखोरी की शिकायत पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, बिलासपुर पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट में सूदखोरों से परेशान लोगों को डरने के बजाए संबंधित थाने में शिकायत करने की अपील की गई है।