लगातार तीन साल नाकाम होने के बाद भी जुनून नहीं हुआ कम, चौथे अटेम्ट में नीट क्वालिफाई करके डॉक्टर बना रोहन, जानता था मेरी कोशिश एक दिन रंग लाएगी इसलिए फेल्यिर को भी सेलिब्रेट किया

लगातार तीन साल नाकाम होने के बाद भी जुनून नहीं हुआ कम, चौथे अटेम्ट में नीट क्वालिफाई करके डॉक्टर बना रोहन, जानता था मेरी कोशिश एक दिन रंग लाएगी इसलिए फेल्यिर को भी सेलिब्रेट किया