जिले की बाडियों से ड्रैगन फ्रूट, पपीते, केले और सब्जियों का होगा उत्पादन, ताकि दीदिया हो आर्थिक रूप से संपन्न


जिले की बाडियों से ड्रैगन फ्रूट, पपीते, केले और सब्जियों का होगा उत्पादन, ताकि दीदिया हो आर्थिक रूप से संपन्न

दुर्ग 22 जुलाई । आज कलेक्ट्रेट सभागार में गौठान और बाड़ियों को लेकर कलेक्टर  पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा क्रमवार विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। जिले में कलेक्टर ने शीघ्र ही 50 बाड़ियों को मॉडर्न बाड़ी के रूप में डेव्हलप करने के लिए उद्यानिकी, कृषि और अन्य संबंधित विभागों के साथ चर्चा की। जिले में संचालित बाड़ियों के साथ नवीन बाड़ियों का चिन्हांकन कर बाड़ियों को समूह में बांटकर ड्रेगन फ्रुट, पपीता, केले जैसे फल और सब्जियों का उत्पादन एक बड़े स्तर पर किया जाएगा। ताकि बाड़ी के कार्य से जुड़े दीदियों को एक वृहद स्तर पर लाभ पहुंचाया जा सके। इसके लिए समूह की दीदियों को ट्रेनिंग फल एवं सब्जियों के बीज और मार्केट उपलब्ध कराया जाएगा। 

नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों में चिन्हित होंगी दईहान के लिए भूमि-*

आवारा पशुओं के प्रबंधन के लिए  संबंधित अधिकारी दईहान के लिए भूमि का चिन्हांकन करेंगे। ताकि नगरीय निकायों में आवारा पशुओं को सड़क या चौराहों से हटाकर एक आश्रय दिया जा सके। गांव में भी बरसात के दिनों में खेतों के फसल को नुकसान से बचाने के लिए दईहान  का चिन्हांकन किया जाना है। गौठानों में पर्याप्त जगह होने की स्थिति में यह व्यवस्था गौठान के अंदर भी की जा सकती है अन्यथा दईहान के लिए भूमि का निर्धारण अलग से किया जाएगा। 

*हरेली त्यौहार से शुरू होगी 04 रूपए प्रति लीटर गौ-मूत्र की खरीदी-*

04 रूपए प्रति लीटर गौ-मुत्र 28 जुलाई हरेली के दिन से खरीदने के लिए जिले में गौठानों के सेटअप को लेकर चर्चा की गई। गौ मूत्र का कलेक्शन पहले दिन से ही सक्रिय रूप से हो इसके लिए गौठानों में जो-जो परिर्वतन इन्फ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर होना है, उसे कराने के लिए कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। गौ मूत्र कलेक्शन के लिए पशु चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञों द्वारा गौठान में कार्यरत स्व-सहायता समूह को विशेष ट्रेनिंग, पीएच और विस्कोसिटी लेवल की जांच के लिए मशीन के प्रबंधन का निर्देश भी कलेक्टर द्वारा दिया गया। इस अवसर पर उन्होंने बड़े पशु पालकों के साथ बातचीत कर एक बेहतर रणनीति बनाने की सलाह भी उपस्थित अधिकारियों को दी। 

इसके अलावा गौठानों के कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए बिंदुवार चर्चा की गई। जिले में गोबर की खरीदी को और बढ़ाने के लिए पशु पालकों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने, पंजीकृत करने, गौठानों में कम से कम 6 आजीविका मूलक गतिविधियों को चलाने, नरवा को लेकर बेहतर कार्य करने, छोटे नालों को पुर्नजीवित करने, बारहमसी नालों में मछली पालन व सिंघाड़ा, कमल, मखाने, तरबूज के उत्पादन इत्यादि बिंदुओं पर चर्चा हुई। इस अवसर पर जनपद पंचायत सीइओ अश्वनी देवांगन एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित है।