CG खबर : पालिका अध्यक्ष का जाना तय, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, जानिए पूरा मामला…

CG खबर : पालिका अध्यक्ष का जाना तय, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, जानिए पूरा मामला…


सीजी न्यूज ऑनलाइन डेस्क, 30 अप्रैल। नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के इस्तीफे वाले मामले में पालिका अध्यक्ष की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने भी शैलेंद्र की याचिका ख़ारिज कर दी है. दो माह पूर्व दिए गए कथित इस्तीफे मामले में उच्च न्यायालय में वर्मा की याचिका खारिज होने के बाद अब अध्यक्ष पद से शैलेन्द्र वर्मा की विदाई लगभग तय हो चुकी है. आचार संहिता के बाद इस मामले में फैसला आ सकता है.

नपाध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा ने उच्च न्यायालय में दायर की राहत याचिका की सिंगल और डबल बेंच में सुनवाई के बाद न्यायालय ने सरकार के फैसले पर वर्मा को कोई भी राहत नहीं देते याचिका खारिज कर दी है. अब मामला सीधे नगरीय प्रशासन विभाग के पाले मे पहुंच गया है. शैलेंद्र वर्मा के इस्तीफा दिए जाने और फिर इसका खंडन कर नपाअधिकारी द्वारा लेटर हेड का दुरूपयोग कर फर्जी हस्ताक्षर कर इस्तीफा लिखने जैसे मामले मे जांच की कार्यवाही भी पूरी कर ली गई है. दावा किया जा रहा है कि शासन स्तर पर जांच और अधिकारियों के प्रतिवेदन मे शैलेन्द्र वर्मा ने ही इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि की है. जल्द ही इस पर फैसला आ सकता है.

प्रदेश मे सत्ता पलट के बाद नगर पालिकाध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा ने 13 फरवरी को अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा नगरीय प्रशासन विभाग के अवर सचिव को दिया था. इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी थी. 17 फरवरी को इसकी जानकारी जब स्थानीय स्तर पर मीडिया को हुई तो कांग्रेस हड़बड़ा गई. आनन फानन में कांग्रेस ने प्रेस वार्ता बुलाकर नपाध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा की उपस्थिति में किसी प्रकार का अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिए जाने, नपाअधिकारी द्वारा ही अध्यक्ष के लेटर हेड का दुरूपयोग करने, फर्जी हस्ताक्षर कर इस्तीफा लिखकर देने का आरोप लगाया था. दो दिन बाद ही नपाध्यक्ष वर्मा ने अवर सचिव नगरीय प्रशासन को अपने इस्तीफा दिए जाने से इंकार करते इस्तीफे को अस्वीकार करने का आवेदन सौंपा था, जबकि नपा अधिकारी के खिलाफ फर्जी हस्ताक्षर कर लेटरहेड का दुरूपयोग करने का आरोप लगाते एफआईआर कराने पुलिस में आवेदन दिया था. मामले में पुलिस के साथ नगरीय प्रशासन, जिला प्रशासन और नगरपालिका स्तर पर भी जांच की गई.
पूरे मामले में राहत पाने नपाध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा ने मामला उच्च न्यायालय बिलासपुर में भी लगाया था, जहां न्यायालय नगरीय प्रशासन विभाग को एक माह में मामलें में उचित निर्णय लेने के निर्देश दिए थे. माहभर की कार्यवाही पूरी होने के पहले ही दोबारा उच्च न्यायालय में याचिका लगाए जाने पर उच्च न्यायालय ने नपाध्यक्ष वर्मा पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी ठोंका था. इसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग को 24 अप्रैल तक मामले में कार्यवाही के निर्देश देते न्यायालय ने पूरी जानकारी मांगी थी. इसको भी वर्मा ने उच्चन्यायालय के डबल बैंच मे याचिका लगाकर राहत मांगी थी, लेकिन डबल बेंच ने भी मामले को खारिज करते कार्यवाही को यथावत रखने निर्देश दिए हैं.
अब फैसला पूरी तरह से राज्य शासन स्तर पर नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा किया जाना है. मामले की जांच में भी लगभग पूरी तरह साफ हो चुका है कि नपाध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा ने अपना इस्तीफा शासन स्तर पर सौंपा था. इस मामले मे पुलिस, नगरपालिका, जिला प्रशासन के प्रतिवेदन में भी इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि होने की जानकारी है. ऐसे में जल्द ही नपाध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा के अध्यक्ष पद से रवानगी होनी तय दिख रही है.