तहसीलदार से भिड़े भाजपा नेता 🛑 सरकारी आदेश फाड़कर कहा – “हत्या कर दीजिए, जेल ले चलिए” 🛑 अफसर ने नाम पूछा तो बोले- गूगल करिए

<em>तहसीलदार से भिड़े भाजपा नेता 🛑 सरकारी आदेश फाड़कर कहा – “हत्या कर दीजिए, जेल ले चलिए” 🛑 अफसर ने नाम पूछा तो बोले- गूगल करिए</em>



सीजी न्यूज़ आनलाईन डेस्क, 14 अप्रैल। रायपुर में भाजपा नेता गौरी शंकर श्रीवास और‌ तहसीलदार के बीच तीखी बहस हुई है इसी दौरान नेता ने सरकारी आदेश की कॉपी को फाड़कर कहा, आप लोग पुलिस लेकर आए हैं, हम लोगों की हत्या कर दीजिए, जेल ले जाइए। बाबा अंबेडकर ने धरना-प्रदर्शन करने का हमें मौलिक अधिकार दिया है।
जब जिला प्रशासन के अधिकारी ने उनका नाम पूछा तो उन्होंने कहा, गूगल करके देख लीजिए, नाम-पता सब मिल जाएगा। इसके बाद भाजपा नेता भी धरने पर बैठ गए।
आपको बता दें कि यह पूरा मामला रायपुर में जारी रसोइया संघ के आंदोलन से जुड़ा है। संगठन की महिलाएं नवा रायपुर के तूता में धरना दिए हुए हैं जिन्हें हटाने पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंचे। इस दौरान भाजपा नेता गौरी शंकर श्रीवास ने कार्रवाई का विरोध कर दिया। जब जिला प्रशासन के अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचकर इन महिलाओं को धरना खत्म करने को कहा तो विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने वीडियो जारी करके मदद मांगी। जिसके बाद गौरी शंकर श्रीवास मौके पर पहुंचे और अफसरों की कार्रवाई को असंवैधानिक बताया।


गौरी शंकर श्रीवास ने कहा कि जानबूझकर प्रशासन रसोइया संघ की प्रांत अध्यक्ष नीलू ओगरे को परेशान कर रहा है, जो धरने पर बैठीं हैं। हाल ही में उनके साथ पुलिस ने गिरफ्तारी के नाम पर अभद्र व्यवहार किया। अनुमति होने के बाद भी अब धरना देने से रोका जा रहा है। नीलू ओगरे ने कहा कि हम हटने वाले नहीं हैं। अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन करना हमारा‌ संवैधानिक अधिकार है।
गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (मिड-डे मील योजना) अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में 146 विकास खंडों में संचालित 45 हजार 610 शालाओं में अध्ययनरत 29 लाख 93 हजार 170 बच्चों के लिए 87 हजार 26 रसोइया भोजन बनाते हैं। रसोइया एवं रसोइया सह सहायिका का मानदेय वर्तमान में 1500 रूपये प्रतिमाह है। ये हर वित्तीय वर्ष में केवल 10 माह ही इन्हें दिया जाता है।‌ इस काम से जुड़े पुरुष महिलाओं का कहना है कि इस मानदेय में आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मानदेय में बढ़ोतरी (कलेक्टर दर पर) किये जाने के लिए कई बार आवेदन दिए लेकिन किसी बात नहीं सुनी। हाल ही में शासन ने 300 रुपए मानदेय बढ़ाया है, जो कि नाकाफी है। कलेक्टर दर पर मानदेय हासिल करने की मांग को लेकर रायपुर में रसोइया‌ महिलाओं का आंदोलन चल रहा है।