कानपुर हिंसा के बीच आईपीएस अजय पाल शर्मा ने संभाला मोर्चा, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं रियल सिंघम, 100 से ज्यादा एनकाउंटर दर्ज हैं अजय पाल के नाम

कानपुर हिंसा के बीच आईपीएस अजय पाल शर्मा ने संभाला मोर्चा, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं रियल सिंघम, 100 से ज्यादा एनकाउंटर दर्ज हैं अजय पाल के नाम


कानपुर हिंसा के बीच आईपीएस अजय पाल शर्मा ने संभाला मोर्चा, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं रियल सिंघम, 100 से ज्यादा एनकाउंटर दर्ज हैं अजय पाल के नाम

कानपुर में संप्रदायिक हिंसा के बाद शहर के हालात को संभालने के लिए शासन ने आईपीएस अजय पाल शर्मा को भेजा है। अजय पाल शर्मा कानपुर के अधिकारियों के सहयोग करेंगे। उपद्रवियों से निपटने का खास प्लान तैयार किया जा रहा है।

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर हिंसा पर पैनी नजर रख रहे हैं। कानपुर के आलाधिकारी सीएम के संपर्क में हैं। वहीं, मुख्यमंत्री पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। कानपुर हिंसा के बीच एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आईपीएस अजय पाल शर्मा को अधिकारियों के सहयोग के लिए भेजा गया है। अजय पाल शर्मा के कानपुर पहुंचने से उपद्रवियों समेत अपराधियों में खौफ साफ देखने को मिल रहा है। आईपीएस अजय पाल शर्मा के नाम 100 से ज्यादा एनकाउंटर दर्ज हैं। योगी सरकार में आईपीएस की जमकर तारीफें भी हुई हैं।

पंजाब के लुधियाना में रहने वाले अजय पाल शर्मा यूपी कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। आईपीएस अजय पाल शर्मा की पहली पोस्टिंग यूपी के सहारनपुर में हुई थी। अजय पाल से अपराधी खौफ खाते हैं। उन्होने एक के बाद एक एनकाउंटर किए और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बन गए। आईपीएस अजय पाल शर्मा उस दौरान सुर्खियों में आ गए, जब वह रामपुर में तैनात थे। रामपुर में 6 साल की बच्ची के साथ रेप हुआ था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। आईपीएस अजय पाल शर्मा ने रेप के आरोपी को एनकाउंटर में अरेस्ट किया था। इस एनकाउंटर के बाद अजय पाल शर्मा को रियल सिंघम के नाम से लोग जानने लगे।

आईपीएस अजय पाल शर्मा ने संभाला मोर्चा

कानपुर पहुंचे आईपीएस अजय पाल शर्मा को शहर में अमन-शांति स्थापित करने के लिए भेजा गया है। अजय पाल शर्मा ने पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा और डीएम नेहा शर्मा से बात कर हालात का जायजा लिया। आईपीएस अजय पाल लगातार पूरे मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। कमिश्नरेट पुलिस के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से प्लान तैयार कर रहे हैं। पुलिस की एफआईआर में जितने भी नामजद हैं, उनका इतिहास खंगालने का काम कर रहे हैं।

क्या था मामला

कानपुर के यतीमखाने में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दो पक्षों के बीच पथराव हो गया। बवाल इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों के बीच बम और फायरिंग शुरू हो गई। दरअसल, भाजपा नेता नुपुर शर्मा ने मोहम्मद साहब को लेकर विवादित बयान दिया था। विवादित बयान को लेकर जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने जुमे के दिन ही बाजार बंदी का ऐलान किया था। इसके लिए दीवारों पर पोस्टर भी चस्पा किए गए थे, लेकिन कानपुर देहात में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम था। जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी की पत्नी का कहना है कि वीआईपी मूवमेंट होने की वजह से बाजार बंदी के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था।

जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने जुलूस का रूप ले लिया। भीड़ एक समुदाय की दुकान बंद कराने लगी। जिसका दूसरे पक्ष ने विरोध किया और देखते-देखते दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने टियर गैस और पथराव कर भीड़ को खदेड़ दिया। इसके बाद उपद्रवी गलियों से पुलिस पर पथराव करने लगे।