पांच साल नौकरी के बाद रिटायर हुआ एक बहादुर चूहा, सेवा के दौरान 99 बारूदी सुरंग से बचाई हजारों लोगों की जान

पांच साल नौकरी के बाद रिटायर हुआ एक बहादुर चूहा, सेवा के दौरान 99 बारूदी सुरंग से बचाई हजारों लोगों की जान


पांच साल नौकरी के बाद रिटायर हुआ एक बहादुर चूहा, सेवा के दौरान 99 बारूदी सुरंग से बचाई हजारों लोगों की जान

सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 22 सितंबर। हम मानते हैं इंसानों से ज़्यादा वफादार जानवर होते हैं, जो हमें कई बार बहुत-सी मुसीबतों से बचा लेते हैं। हर जानवर की अपनी एक विशेषता होती है, इसीलिए कुत्तों को पुलिस कर्मी अपने साथ रखते हैं।आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हजारों व्यक्तियों की जान की रक्षा करने वाले जिस बहादुर जानवर के बारे में हम बता रहे हैं, वह एक “चूहा” है।

जी हाँ, एक चूहे ने मनुष्यों की रक्षा की और अब वह अपनी सेवा से निवृत्त हुआ है। हम बात कर रहे हैं अफ्रीकी नस्ल के मगावा नामक चूहे की। पिछले 5 वर्षों में मगावा चूहे ने कंबोडिया में लगभग 99 बारूदी सुरंगों को खोजा और हजारों व्यक्तियों की जान बचाई जा सकी।

यह मगावा चूहा अपनी बहादुरी के लिए सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। मगावा चूहे की सूंघने की क्षमता इतनी तेज़ है कि यह बारूदी सुरंगों का पता लगाने में प्रयोग में लाई जाने वाली कई महंगी मशीनों को भी पछाड़ दे। यही वज़ह है कि इस चूहे को आधिकारिक रक्षा दल में सम्मिलित किया गया था। अब तक यह चूहा करीब एक सैकड़ा बारूदी सुरंग को खोज चुका है। मगावा का वज़न 1.2 किलो है, इसलिए बारूदी सुरंगों के ऊपर चलने पर भी विस्फोट नहीं होता है। इसे इतनी अच्छी ट्रेनिंग दी गई है कि यह केवल 30 मिनट में एक टेनिस के बराबर एरिया को सूंघकर जांच कर सकता है, जबकि आम इंसान को बम डिटेक्टर की सहायता से यह कार्य करने में करीब 4 दिन लग जाते हैं। मगावा नामक इस चूहे कि आयु 7 वर्ष है। इसे खासतौर पर कंबोडिया में बा रूदी सुरंगों को खोजने हेतु ट्रेनिंग दी गयी थी और मगावा ने सौंपा गया यह कार्य सफलतापूर्वक संपन्न किया। उसने बारूदी सुरंगों का तो पता लगाया, साथ ही बहुत से ज़िंदा विस्फोटकों को भी खोजा। जिस संगठन ने मगावा को ट्रेनिंग दी, उसका नाम APOPO है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, यह संगठन चूहों को बारूद की सुरंगों तथा अस्पष्टीकृत बमों को खोजने हेतु ट्रेनिंग दिया करता है। हालांकि मगावा पूर्णतया स्वस्थ है, परन्तु आयु सीमा पूरी होने पर नियम के अनुसार उसका रिटायरमेंट हुआ है। ब्रिटेन की एक चैरिटी संस्था PDSA ने मगावा चूहे को उसके कार्यों के लिए गोल्ड मेडल देकर सम्मानित भी किया था। असल में, यह ब्रिटिश संस्था प्रतिवर्ष उन जानवरों का सम्मान करती है, जो अच्छा कार्य करते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ था जब इस संस्था द्वारा एक चूहे को सम्मानित किया गया था। मगावा को ट्रेनिंग देने वाले प्रशिक्षकों का कहना है कि इस चूहे ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। उसे जो भी टास्क दिए गए थे, मगावा ने उसमें सफलता प्राप्त की। हम उसके साथ काम करने पर गर्व महसूस करते हैं।