28 प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक बने शोध निर्देशक , 1 साल से प्रतीक्षारत शोधार्थियों का इंतजार खत्म, रिसर्च के लिए अब मिलेंगे शोध निदेशक

28 प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक बने शोध निर्देशक , 1 साल से प्रतीक्षारत शोधार्थियों का इंतजार खत्म, रिसर्च के लिए अब मिलेंगे शोध निदेशक


28 प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक बने शोध निर्देशक , 1 साल से प्रतीक्षारत शोधार्थियों का इंतजार खत्म, रिसर्च के लिए अब मिलेंगे शोध निदेशक

दुर्ग 20 जुलाई । हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग  में हाल ही में आयोजित पीएचडी आरडीसी की बैठक में 11 विषयों में 28 प्राध्यापकों को विषय विषेषज्ञ द्वारा नये शोध निर्देशक के रूप में मान्यता प्रदान करने की अनुशंसा की गई है। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं पीएचडी सेल प्रभारी, डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि सत्र 2021 की पीएचडी प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण आवेदक तथा यूजीसी के नियमानुसार पीएचडी रवीश परीक्षा 2021 से छूट प्राप्त आवेदक इन नये शोध निर्देशकों के मार्गदर्शन में पीएचडी हेतु अपना पंजीयन विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 17 शोधकेन्द्रों पर करा सकेंगे। कोविड-19 संक्रमण काल के परिपेक्ष्य में इन आवेदकों को विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी हेतु पंजीकृत होने के लिए यह अंतिम अवसर प्रदान किया जा रहा है। इन आवेदकों को विभिन्न शोधकेन्द्रों पर  25 जुलाई से 05 अगस्त 2022 के मध्य आयोजित होने वाली डीआरसी बैठक में शामिल होकर पीएचडी हेतु प्रवेश लेना होगा। 

इन नवप्रवेशित  पीएचडी शोधार्थियों की कोर्स वर्क की कक्षाएं 25 अगस्त से विभिन्न शोधकेन्द्रों पर आरंभ होगी। विश्वविद्यालय की कुलपति, डाॅ. अरूणा पल्टा ने नये शोध निर्देशकों को बधाई देते हुए कहा कि वे अपने मार्गदर्शन में ऐसे शोध कार्यों को बढ़ावा दे जो समाज हेतु उपयोगी हों। विश्वविद्यालय के कुलसचिव, भूपेन्द्र कुलदीप ने कहा कि पीएचडी  करने वाले सभी शोधार्थियों एवं शोध निर्देशकों को विश्वविद्यालय के पीएचडी संबंधी अधिनियम 45 तथा यूजीसी द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा। विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भौतिक शास्त्र विषय में दिग्विजय काॅलेज, राजनांदगांव की डाॅ. प्रीति बाला टाक, गणित में कल्याण काॅलेज, भिलाई के डाॅ. मयूर पुरी गोस्वामी, हिन्दी में समाधान काॅलेज, बेमेतरा की डाॅ. आस्था दीवान, राजनीतिक शास्त्र में शासकीय महाविद्यालय मानपुर के डाॅ. देवेन्द्र साहू, समाजशास्त्र में वैशाली नगर काॅलेज की डाॅ. चांदनी मरकाम, अर्थशास्त्र में विश्वविद्यालय की डीसी, डाॅ. प्रीता लाल तथा साइंस काॅलेज, दुर्ग की डाॅ. अंशुमाला चंदनगर, प्राणी शास्त्र में शासकीय महाविद्यालय, खेरथा के डाॅ. यासर कुरेशी तथा भिलाई महिला महाविद्यालय भिलाई की डाॅ. निष्ठा वैद्य, बायोटेक्नाॅलाजी में शंकराचार्य काॅलेज, जुनवानी की डाॅ. अकांक्षा जैन, सेंट थाॅमस काॅलेज की डाॅ. अनुभूति झा तथा दिग्विजय काॅलेज, राजनांदगांव के डाॅ. केशव राम आडील, रसायन शास्त्र में दिग्विजय काॅलेज, राजनांदगांव के डाॅ. अश्विनी शर्मा शासकीय महाविद्यालय, डौंडी लोहारा की डाॅ. यासमीन परवेज तथा शासकीय नवीन महाविद्यालय, बोरी की डाॅ. मीना चक्रवर्ती को नये शोध निर्देशक के रूप में मान्यता दी गई है। इसके अलावा शिक्षा संकाय में भारती काॅलेज, दुर्ग के डाॅ. मनोज मौर्य स्वरूपानंद काॅलेज, भिलाई की डाॅ. मंजुषा नामदेव, भिलाई कॉलेज ऑफ आई टी की डाॅ. अंजु त्रिपाठी, मनसा काॅलेज, की डाॅ. नमिता गौराहा एवं डाॅ. रीतिका सोनी तथा वाणिज्य भिलाई महिला महाविद्यालय भिलाई की डाॅ. निधी मोनिका शर्मा डाॅ. भारती वर्मा डाॅ. राजश्री शर्मा सेंट थाॅमस काॅलेज की डाॅ. नीलम गांधी, डाॅ. सुनिता क्षत्रिय, डाॅ. रिन्सी बी अब्रहम, डाॅ. प्रतीक कुमार शर्मा तथा शासकीय कमला देवी राठी महिला महाविद्यालय, राजनांदगांव की डाॅ. लाली शर्मा शामिल है। इनके अलावा भी कुछ प्राध्यापकों के आवश्यक प्रपत्र न होने के कारण उनका आवेदन लंबित रखा गया है। इन प्राध्यापकों द्वारा आवश्यक प्रपत्र विश्वविद्यालय में प्रस्तुत किये जाने पर उन्हें भी शोध निर्देशक के रूप में मान्यता प्रदान की जा सकेगी।