सीजी न्यूज ऑनलाइन 06 अक्टूबर। वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) पर पत्थर फेंकने की घटना के पीछे जो साजिश सामने आई है, वह चौंकाने वाली है. यूपी एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि पत्थरबाजी का मकसद ट्रेन की गति को धीमा कर खिड़की के पास बैठे यात्रियों के मोबाइल लूटना था।
यूपी के वाराणसी में वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) पर पत्थरबाजी की घटना के पीछे जो बातें सामने आई हैं, वो बेहद चौंकाने वाली हैं. यूपी एटीएस की जांच में पता चला है कि पत्थरबाजों का मकसद केवल ट्रेन की खिड़कियों को तोड़ने के साथ ट्रेन की स्पीड को धीमा कराना था. इसके बाद वे खिड़की किनारे बैठे यात्रियों के मोबाइल छीनने की योजना बना रहे थे. इस मामले में आरोपी हुसैन उर्फ शाहिद को चंदौली के मुगलसराय इलाके से गिरफ्तार किया गया है. उसने पूछताछ में ये बातें बताई हैं.
दरअसल, 2 अक्टूबर 2024 को वाराणसी से दिल्ली जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर कानपुर के पनकी स्टेशन के पास पत्थरबाजी की घटना हुई थी. ट्रेन के C7 कोच की खिड़की का शीशा टूट गया और कई यात्री डर की वजह से अपनी सीटों के पास झुक गए थे. मामले के बारे में RPF पनकी और GRP कंट्रोल प्रयागराज को जानकारी दी गई. इसके बाद अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया.
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
वाराणसी की एटीएस यूनिट ने इस मामले की जांच शुरू की और आरोपी हुसैन उर्फ शाहिद को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि पत्थर फेंकने का असल मकसद ट्रेन की स्पीड को धीमा करना था, ताकि खिड़की के पास बैठे यात्रियों के मोबाइल आसानी से छीने जा सकें. इस साजिश ने सुरक्षा एजेंसियों को हैरान कर दिया है.
पहली घटना नहीं
इससे पहले भी वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी की घटनाएं हो चुकी हैं. कानपुर के अलावा इटावा में भी ऐसी घटना सामने आई थी. इन घटनाओं ने रेलवे और सुरक्षा बलों के लिए चुनौती पैदा कर दी है.
घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है और वंदे भारत एक्सप्रेस के रूट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए RPF और GRP की संयुक्त टीमें निगरानी कर रही हैं. पुलिस की पांच टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. इस साजिश का खुलासा होने के बाद यात्रियों की सुरक्षा को लेकर और कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.