🔴 इनके खजाने में जमा है 880 टन गोल्ड
सीजी न्यूज ऑनलाइन 06 अगस्त। भारत का सेंट्रल बैंक RBI अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाने के लिए लगातार सोना खरीदता है। भारतीय रिजर्व बैंक की 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2025 तक उसका कुल गोल्ड रिजर्व 7% बढ़कर 879.58 मीट्रिक हो चुका है जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 822.10 टन था।
भारत में अकेली एक संस्था ने 5,75,000 किलोग्राम सोना खरीदा है। यह कोई ज्वैलर या सर्राफा व्यापारियों का समूह नहीं, बल्कि देश का सेंट्रल बैंक है। दरअसल, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपने गोल्ड रिजर्व में रिकॉर्ड 57.5 टन सोना जोड़ा है। इसके साथ ही 31 मार्च 2025 तक रिजर्व बैंक का कुल गोल्ड रिजर्व 879.58 मीट्रिक टन हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक उसका कुल गोल्ड रिजर्व 7% बढ़कर 879.58 मीट्रिक टन हो चुका है, जबकि एक साल पहले यह 822.10 टन था।
इस गोल्ड में से 311.38 टन सोना निर्गम विभाग की संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष के 308.03 टन से थोड़ा अधिक है। शेष 568.20 टन बैंकिंग विभाग की संपत्ति के रूप में दर्ज है, जो मार्च 2024 में 514.07 टन था।
RBI क्यों खरीदता है गोल्ड?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) हर साल सोना खरीदता है और गोल्ड खरीदना का मुख्य मकसद अपने विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाना और करेंसी में उतार-चढ़ाव व आर्थिक अस्थिरता से जुड़े जोखिमों को कम करना है।
चूंकि, सोने को एक सुरक्षित संपत्ति माना जाता है, जो महंगाई और युद्ध जैसे भू-राजनीतिक जोखिमों से बचाव प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, सोना खरीदने से केंद्रीय बैंक की वित्तीय स्थिरता बढ़ सकती है और उसकी मज़बूत आर्थिक स्थिति का संकेत मिलता है।
7 लाख करोड़ तक पहुंचा गोल्ड रिजर्व
आरबीआई के गोल्ड डिपॉजिट की वैल्यू 52.09% बढ़कर ₹4.39 लाख करोड़ से ₹6.68 लाख करोड़ हो गई है। विशेष रूप से, बैंकिंग विभाग के अंतर्गत रखे गए सोने का मूल्य 57.12% बढ़कर ₹2.74 लाख करोड़ से ₹4.31 लाख करोड़ हो गया है।
घरेलू और विदेशी निवेश में वृद्धि के साथ-साथ सोने की होल्डिंग में बढ़ोतरी ने आरबीआई की कुल बैलेंस शीट में 8.2% की वृद्धि में योगदान दिया है, जो वित्त वर्ष 2025 में ₹70.47 लाख करोड़ से बढ़कर ₹76.25 लाख करोड़ हो गई है।