महिला शक्ति को नमन : बुज़ु़र्ग महिला को कांधे पर बैठाकर रेगिस्तान में 5 Km तक चली महिला कांस्टेबल और उनकी जान बचा ली


महिला शक्ति को नमन : बुज़ु़र्ग महिला को कांधे पर बैठाकर रेगिस्तान में 5 Km तक चली महिला कांस्टेबल और उनकी जान बचा ली

गुजरात पुलिस की एक महिला कांस्टेबल ने इंसानियत की अनोखी मिसाल पेश की है. The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, 27 साल की वर्षा परमार की ज़िला कच्छ, गुजरात के रापर पुलिस थाने में नई बहाली हुई थी. परमार ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिससे न सिर्फ़ पुलिस महकमे को बल्कि हर किसी को गर्व होगा.

कच्छ के सफ़ेद रेगिस्तान में परमार ने एक 86 वर्षीय महिला को बेहोश देखा. परमार ने किसी ऑर्डर का इंतज़ार नहीं किया, बुज़ुर्ग महिला को कंधे पर बैठाया और तपते रण में 5 किलोमीटर चलकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया.

परमार का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. परमार को वरिष्ठ अधिकारियों ने पुरस्कृत करने की सिफ़ारिश भी की.

वर्षा परमार ने कहा, ‘मैंने जो किया इंसानियत के नाते किया. मुझे मशहूर बनने की कामना नहीं थी.’

वर्षा परमार को लगा कि उस बुज़ुर्ग को मदद की ज़रूरत है. वर्षा ने कहा, ‘मैंने देखा कि वो चलने की हालत में नहीं थी और रेगिस्तान में गाड़ी मिलने गाड़ी मिलने की संभावना भी नहीं थी. जो सबसे सही उपाय था मैंने वही किया.’ चार लोगों के परिवार में अकेले कमाने वाली हैं वर्षा परमार. लोक रक्षक दल में 2019 में परमार का सेलेक्शन हुआ और 2021 में उनकी पोस्टिंग आई.

दरअसल धोलावीरा गांव में मोरारी बापू की रामकथा चल रही थी. परमार को बंदोबस्त की ड्यूटी मिली थी. तीन बुज़ुर्ग महिलाएं कथा सुनने गई थी लेकिन दर्शन के बाद एक महिला बेहोश हो गई. वहीं से गुज़र रहे एक शख्स ने कथा स्थल पर जाकर सूचना दी. जब वर्षा परमार को ये पता चला तब वो पानी की बोतल लेकर पहुंची और महिला की सहायता की.