आदिवासी छात्रावास सुरक्षित नहीं है, आरोप लगा स्कूली बच्चों ने जड़ दिया ताला, सुबह से बैठे हैं हड़ताल पर

<em>आदिवासी छात्रावास सुरक्षित नहीं है, आरोप लगा स्कूली बच्चों ने जड़ दिया ताला, सुबह से बैठे हैं हड़ताल पर</em>



🛑 मामला छत्तीसगढ़ के इस जिले का
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 21 फरवरी। बालक छात्रावास के 178 और बालिका छात्रावास की 180 बच्चियां आज सुबह से हड़ताल पर बैठ गए हैं। इनमें कक्षा 6वीं से लेकर 11वीं तक के विद्यार्थियों के साथ उनके पालक भी आ गए हैं। यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले का है। स्कूल के प्राचार्य पीडी ध्रुव ने पूरे मामले की जानकारी आला अधिकारियों को दी है। सुबह से बच्चे धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन प्रशासन का कोई भी अधिकारी उनसे बात करने नहीं पहुंचा है।
आपको बता दें कि मुंगेली जिले के लोरमी स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अव्यवस्था को लेकर स्कूल में ताला जड़ दिया और सुबह से सैकड़ों की संख्या में धरने पर बैठे हुए हैं। मामला हॉस्टल से 6 छात्राओं के बिना किसी को बताए गायब रहने का है। ऐसे में छात्र बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल को वॉर्डन पर लापरवाही और बदसलूकी करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग पर अड़ गए हैं।


बच्चों का कहना है कि लोरमी का आदिवासी छात्रावास सुरक्षित नहीं है। बिना परमिशन के छात्रावास से छात्राएं गायब हो जा रही हैं। कभी भी अनहोनी का खतरा बना हुआ है। 6 छात्राओं का अचानक बिना किसी को बताए गायब हो जाने ने अधीक्षिका को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। बालक छात्रावास के अधीक्षक अश्विनी बंजारे और बालिका छात्रावास की अधीक्षिका रीता डिंडोरे को हटाने की मांग पर सैकड़ों की तादाद में आदिवासी छात्र-छात्राएं धरने पर बैठ गए हैं।
बच्चे अधीक्षिका रीता डिंडोरे और अधीक्षक अश्विनी बंजारे को हटाने की मांग कर रहे हैं। बच्चों ने बालक और बालिका छात्रावास के अधीक्षक एवं अधीक्षिका पर गाली गलौज करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वे बात-बात पर बदसलूकी करते हैं। कुछ भी पूछने पर प्रताड़ित करते हैं। उन्हें हॉस्टल में खाना भी अच्छा नहीं मिलता है, साथ ही बहुत अव्यवस्था है। वहीं छात्राओं ने कहा कि उनकी अधीक्षिका ने उन पर परमिशन नहीं लेने का झूठा आरोप लगाते हुए आला अधिकारियों से शिकायत की है, जो गलत है।
मिली जानकारी के मुताबिक 19 फरवरी को गर्ल्स हॉस्टल की 6 छात्राओं को प्रिंसिपल पीडी ध्रुव मेला घूमाने ले गए थे। हॉस्टल वॉर्डन ने 2 घंटे की अनुमति दी थी लेकिन छात्राएं उस रात में वापस हॉस्टल लौटी ही नहीं। छात्राएं दूसरे दिन हॉस्टल वापस पहुंचीं। छात्राओं के सारी रात बाहर रहने के कारण हॉस्टल में हड़कंप मच गया। घटना के बाद दूसरे दिन सुबह हॉस्टल पहुंची छात्राओं को प्रवेश देने से अधीक्षिका रीता डिंडोरे ने रोक दिया। जिसके बाद से ही विवाद शुरू हो गया ।
आदिवासी छात्र-छात्राओं ने हॉस्टल का घेराव कर दिया है।
छात्राओं का कहना है कि वो सूचना देकर हॉस्टल से मेला घूमने गई थीं। रात अधिक होने की वजह से वे अपने स्कूल के प्रिंसिपल पीडी ध्रुव के यहां रुक गई थीं लेकिन वापस आने पर उनके साथ गलत व्यवहार अधीक्षिका ने किया। घंटों बवाल के बाद विभागीय अधिकारियों के हस्तक्षेप से हॉस्टल में सभी 6 छात्राओं को प्रवेश दिया गया। इसी घटना के बाद अब बच्चों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बालक छात्रावास में अधीक्षक अश्विनी बंजारे तो वहीं बालिका छात्रावास में अधीक्षिका रीता डिंडोरे कार्यरत हैं। जिन पर बच्चों ने मनमानी करने और गालीगलौज करने का आरोप लगाया है और उन्हें हटाने की मांग को लेकर लामबंद हो गए हैं।