Tokyo Olympics : लवलीना को क्वार्टर फाइनल में मिली जीत, भारत का दूसरा मेडल पक्का, अब दीपिका कुमारी पर भारत की नज़रें, निएन चिन धराशाई
टोक्यो, 30 जुलाई। भारत की बॉक्सर लवलिना ने क्वार्टर फाइनल में 69 किग्रा वेट में अपना मुकाबला जीतकर ओलिंपिक में अपना मेडल पक्का कर लिया है। असम के गोलाघाट जिले की रहने वाली लवलिना ओलिंपिक में भाग लेने वाली असम की पहली महिला खिलाड़ी हैं। लवलिना बॉक्सिंग में आने से पहले किक बॉक्सिंग करती थीं, वे किक बॉक्सिंग में नेशनल लेवल पर मेडल जीत चुकी हैं। लवलिना ने अपनी जुड़वा बहनों लीचा और लीमा को देखकर किक बॉक्सिंग करना शुरू किया था। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के असम रीजनल सेंटर में सिलेक्शन होने के बाद वे बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेने लगी थीं। उनकी दोनों बहनें भी किक बॉक्सिंग में नेशनल स्तर पर मेडल जीत चुकी हैं।
लवलिना को बचपन में काफी संघर्ष करना पड़ा। उनके पिता टिकेन बोरगोहेन की छोटी सी दुकान थी। शुरुआती दौर में लवलिना के पास ट्रैकसूट तक नहीं था। इक्विपमेंट और डाइट के लिए संघर्ष करना पड़ता था।
लवलीना के बाद अब सारे भारत की नज़रें दीपिका कुमारी पर हैं।
दीपिका कुमारी भी टोक्यो ओलंपिक में मेडल पक्का करने के बेहद करीब हैं। दीपिका कुमारी 11ः15 बजे अपना क्वार्टर फाइनल मुकाबले खेलेंगी। दीपिका कुमारी के पास तीरंदाजी में मेडल जीतकर इतिहास रचने का मौका है।
पहले रांउड में लवलीना चीनी ताइपे की मुक्केबाज पर भारी पड़ीं। भारतीय बॉक्सर ने कुछ बेहतरीन राइट और लेफ्ट हुक जड़े। दूसरी ओर निएन चेन ने भी अटैक करने की कोशिश की, लेकिन लवलीना के डिफेंस का तोड़ नहीं ढूंढ पाई। पहले रांउड में तीन जजों ने लवलीना और दो जजों ने विपक्षी मुक्केबाज को बेहतर माना।
दूसरे राउंड में भारतीय बॉक्सर पूरी तरह अपने विपक्षी खिलाड़ी पर हावी रहीं। पांचों जजों ने लवलीना के प्रदर्शन को बेहतर माना। दो राउंड में बढ़त हासिल करने के बाद लवलीना ने डिफेंसिव होकर खेलना उचित समझा। निएन चिन चेन ने कुछ पंच जड़ने की कोशिश की, लेकिन लवलीना ने इन प्रयासों का खूबसूरती से बचाव किया। तीसरे राउंड में चार जजों ने लवलीना के पक्ष में फैसला दिया।