घर चलाने के लिए दसवीं क्लास से करता था डॉक्टर के साथ कंपाउंडर का काम, मन में सोच लिया था या तो डॉक्टर बनूंगा, किसान पिता को नहीं पता था बेटा किस चीज की पढ़ाई कर रहा

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