डीयू के स्नातक प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा देने के लिए स्टूडेंट को अनिवार्य रूप से पूरी करनी होगी यह पात्रता वर्ना….

डीयू के स्नातक प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा देने के लिए स्टूडेंट को अनिवार्य रूप से पूरी करनी होगी यह पात्रता वर्ना….


दुर्ग 24 अक्टूबर । उच्च शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार दिसंबर-जनवरी 2024 में आयोजित होने वाली सभी संकायों की स्नातक प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने हेतु परीक्षार्थी को आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा / असाइंमेंट जमा करना अनिवार्य है। इसके अभाव में परीक्षार्थी को सेमेस्टर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जायेगी। यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के परीक्षा उपकुलसचिव, डॉ. राजमणि पटेल ने बताया कि यदि परीक्षार्थी ऑनलाईन परीक्षा आवेदन पत्र भर भी देता है तो आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा के अंकों के अभाव में उसका आवेदन स्वमेय निरस्त माना जायेगा तथा उसका परीक्षा प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जायेगा।

डॉ. पटेल ने बताया कि गत दिवस विश्वविद्यालय द्वारा दिसंबर-जनवरी में आयोजित होने वाली स्नातक प्रथम सेमेस्टर परीक्षा हेतु समय सारिणी तैयार करने के लिए माननीय कुलपति द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों का पूर्णतः पालन करने की अनुशंसा के साथ यह भी तय किया गया कि नवंबर माह में स्नातक प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों की परीक्षा के ऑनलाईन आवेदन पत्र भरने की प्रकिया आंरभ की जाये। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि विद्यार्थियों द्वारा आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा में प्रविष्ट होने तथा असाइंमेंट जमा करने संबंधी प्रमाण पत्र संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्य जारी करेंगे।

बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विद्यार्थियों द्वारा चयनित किये गये जीईसी तथा वीएसी पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं उनके संकाय के अनुसार पृथक-पृथक तीन पालियों में आयोजित होंगी। इस वर्ष विश्वविद्यालय लगभग 80 परीक्षा केन्द्र स्थापित करने जा रहा है। उच्च स्तरीय बैठक में विश्वविद्यालय के परीक्षा उपकुलसचिव, डॉ. राजमणि पटेल एवं राजेन्द्र चौहान, शासकीय कन्या महाविद्यालय, दुर्ग के प्राचार्य, डॉ. डी. सी. अग्रवाल, कल्याण महाविद्यालय, भिलाई के पूर्व प्राचार्य, डॉ. आर. पी. अग्रवाल, साइंस कॉलेज, दुर्ग के प्राध्यापक, डॉ. जगजीत कौर सलूजा, एवं डॉ. प्रशांत कुमार श्रीवास्तव तथा शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगांव के डॉ. सुरेश पटेल एवं विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग के कर्मचारी शामिल थें।