फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र से तीन छात्राओं ने हासिल की MBBS सीट

फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र से तीन छात्राओं ने हासिल की MBBS सीट


सीजी न्यूज ऑनलाइन, 01 सितंबर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मेडिकल शिक्षा विभाग ने बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा है। यहां की तीन छात्राओं ने फर्जी ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) प्रमाणपत्र बनवाकर नीट-यूजी परीक्षा में सफलता पाई और मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें हासिल कर लीं।

यह धोखाधड़ी उस समय सामने आई जब चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने सीट अलॉटमेंट के बाद छात्राओं के दस्तावेज़ सत्यापन के लिए तहसील कार्यालय भेजे। जांच में स्पष्ट हुआ कि इन छात्राओं के नाम से तहसील कार्यालय में कभी कोई आवेदन दर्ज ही नहीं हुआ था और न ही कोई ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र जारी किया गया था।

फर्जी प्रमाणपत्र का उपयोग करने वाली छात्राओं के नाम सुहानी सिंह, पिता सुधीर कुमार सिंह, निवासी सिपत रोड लिंगियाडीह; श्रेयांशी गुप्ता, पिता सुनील गुप्ता, निवासी सरकंडा; और भाव्या मिश्रा, पिता सूरज कुमार मिश्रा, निवासी सरकंडा, हैं। तीनों छात्राओं ने नीट-यूजी में प्रवेश के लिए अपने दस्तावेज़ों में दिखाया कि प्रमाणपत्र बिलासपुर तहसील से जारी हुआ है और इसी आधार पर ईडब्ल्यूएस कोटे की सीटें हासिल कीं।

बिलासपुर की तहसीलदार गरिमा सिंह ने जांच के बाद बताया कि इन तीनों छात्राओं ने कभी भी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन नहीं किया और न ही इनके नाम से कोई प्रमाणपत्र जारी हुआ है। वहीं एसडीएम मनीष साहू ने भी इस बात की पुष्टि की कि शिक्षा आयुक्त द्वारा भेजी गई सूची में दर्ज नामों का कोई ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र तहसील से जारी नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) हर साल मेडिकल कोर्सेज़ में प्रवेश के लिए आयोजित होती है। इसमें प्राप्त अंक और रैंक के आधार पर काउंसलिंग कर सीट आवंटित की जाती है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहती हैं। जांच से पता चला है कि इसी कोटे का लाभ लेने के लिए छात्राओं ने फर्जीवाड़ा कर लिया।