🔵 कोर्ट में सरेंडर करने गया तो ईडी ने गिरफ्तार कर मांग ली रिमांड
🔵 छत्तीसगढ़ में नया सीएम बनाने के दबाव की बात कहता रहा है सूर्यकांत
रायपुर, 30 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन में अवैध वसूली के आरोपों से घिरे कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने कल मनी लांड्रिंग मामलों के स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उसे गिरफ्तार किया और 12 दिन की रिमांड पर लेकर चली गई। इससे पहले अदालत को दिये गये आवेदन में सूर्यकांत तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर षड़यंत्र का आरोप लगाया। उसने कहा कि उसकी जान को खतरा है।

सूर्यकांत तिवारी ने अदालत को बताया कि ईडी ने समीर विश्नोई और अन्य मामले में उसको भी अभियुक्त बताया है। वह लगभग 20 वर्षों से प्रदेश में कारोबार कर रहा है। पूर्ववर्ती सरकार से भी उसके अच्छे संबंध रहे हैं। वह अडानी समूह के लिए ट्रांसपोर्ट का काम करता है और उसी से आय अर्जित करता है। इससे पहले आयकर विभाग की कार्यवाही में उसने पूरा सहयोग किया है। वह ईडी की कार्यवाही में भी सहयोग करना चाहता है।वह वैधानिक रूप से कमाई गई अपनी संपत्ति का ब्यौरा ईडी को देने में सक्षम है लेकिन राजनीतिक रूप से प्रेरित इस मामले में ईडी के अधिकारी उसकी सच्चाई को रिकॉर्ड नहीं करेंगे। तिवारी की ओर से कहा गया कि ईडी ने जो मामला दर्ज किया है वह राजनीति से प्रेरित है।
उसने कहा कि राजनीतिक लाभ उठाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सोशल मीडिया में बयान देते आ रहे हैं। एक षडयंत्र के बाद ही यह मामला ईडी में रजिस्टर कराया गया है। सूर्यकांत ने आशंका जताई है कि ईडी के अधिकारी पूछताछ के दौरान उसके साथ थर्ड डिग्री का बर्ताव करेंगे। उसको अपनी जान का भी खतरा है। ऐसे में वह चाहता है कि उसे न्यायिक अभिरक्षा में रखा जाए और न्यायिक अभिरक्षा में ही वकील की मौजूदगी में उससे पूछताछ की जाये। गिरफ्तारी के बाद सूर्यकांत ने अदालत से मांग की कि उससे पूछताछ कैमरे के सामने हो। उसको पूरे समय सीसीटीवी कैमरे दायरे में रखा जाए। अदालत से बाहर जाते हुए भी सूर्यकांत ने मीडिया से कहा कि उसकी जान को खतरा है। यह खतरा किससे है वह समय आने पर बताएगा।
गौरतलब हो कि 4 महीने पहले सूर्यकांत के ठिकानों पर आईटी का छापा पड़ा था। इसके बाद सूर्यकांत ने कहा था कि उनके ठिकानों पर 30 जून को आयकर की रेड पड़ी। दावा किया कि कुछ अफसरों ने दबाव बनाया कि वो प्रदेश के 40-45 विधायकों की सूची बनाएं। विपक्ष के विधायकों के सहयोग से प्रदेश की सरकार बदल दी जाएगी। सूर्यकांत को प्रदेश का नया सीएम बना दिया जाएगा। उसने यह भी दावा किया था कि मुझे छत्तीसगढ़ का एकनाथ शिंदे बनाने के लिए आयकर अफसरों ने साम-दाम दंड भेद अपनाया है। सूर्यकांत ने कहा था कि मैं एक कारोबारी हूं अपराधी नहीं। आयकर विभाग की टीम जब सर्च के लिए हमारे घर आई तो अफसरों ने मुझे पीटा, इसका उन्हें कोई हक नहीं है। मुझसे आयकर के अफसरों ने गलत बयान देने को भी कहा, मगर मैंने नहीं दिए। मैं महात्मा गांधी को मानने वाला छत्तीसगढ़िया आदमी हूं, मेहनत करता हूं। कोयला कारोबार से जुड़े सूर्यकांत तिवारी के रायपुर व महासमुंद स्थित मकान में आयकर विभाग ने भी जांच पड़ताल की थी। कोरबा के भी कुछ कारोबारियों के ठिकानों पर रेड की कार्रवाई हुई। प्रदेश में हुई इस जांच के बाद आयकर विभाग की तरफ से कहा गया कि जांच में 200 करोड़ रुपये से अधिक कलेक्शन के सबूत मिले थे। आयकर टीम ने जांच के दौरान 9.5 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी और लगभग 5 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए। तब कांग्रेस के सूर्यकांत को भाजपा का करीबी और भाजपा वाले उसे कांग्रेसियों का करीबी बताने के लिए तीन दिनों से सोशल मीडिया पर फोटो वार चलाते रहे और तब इस मामले में नए तरह के खुलासे सूर्यकांत ने किए थे।
सूर्यकांत शनिवार 29 अक्टूबर को लगभग 3ः30 बजे अपने वकील फैजल रिजवी के साथ चुपचाप ईडी की विशेष अदालत में पेश हो गया। अदालत ने पूछा तो बताया गया कि ईडी ने उसे अभियुक्त बनाया है इसलिए वह अदालत में सरेंडर कर रहा है। अदालत ने ईडी के वकील को बुलाया। काफी देर बाद ईडी ने अरेस्ट मेमो मंगाकर अदालत कक्ष में ही गिरफ्तार दिखाया और पूछताछ के लिए 14 दिन की रिमांड मांगी। अदालत ने 12 दिन की रिमांड मंजूर की। सूर्यकांत तिवारी के आग्रह पर अदालत ने कहा कि उसका बयान रिकॉर्ड करते समय उसके अधिवक्ता वहां मौजूद रहेंगे हालांकि अधिवक्ता केवल उसे देख पाएंगे, सुन नहीं पाएंगे। समय-समय पर वकील से मिलने की अनुमति भी दी गई है। ऐसी अनुमति इस मामले में पहले गिरफ्तार तीन आरोपियों के मामले में भी दी गई थी।
विदित हो कि ईडी ने पिछले सप्ताह तक की अपनी कार्यवाही में सूर्यकांत तिवारी को कोयला परिवहन में अवैध वसूली गिरोह का सरगना बताया है लेकिन शनिवार को जब सूर्यकांत ने अदालत में आकर आत्मसमर्पण किया तो साफ हो गया कि वह ईडी की राडार पर कहीं था ही नहीं। जांच एजेंसी ने अभी तक सूर्यकांत की तलाश में कोई कार्रवाई नहीं की थी। उसके पते पर कोई नोटिस तक नहीं भेजा गया था, यहां तक कि अधिकारी इस ओर से इतने बेफिक्र थे कि अदालत से सूचना मिलने पर मुख्यालय से लगातार निर्देश लेकर अपना स्टैंड बदलते रहे। ईडी जिस एक मामले को लेकर छत्तीसगढ़ में लगातार तलाशी अभियान चला रही है, वह ट्रांसपोर्ट और कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है। आईएएस समीर विश्नोई, कारोबारी सुनील अग्रवाल और सूर्यकांत के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी की रिमांड के लिए अदालत को दिये अपने पहले आवेदन में ईडी ने सूर्यकांत के खिलाफ बेंगलुरु में दर्ज एक एफआईआर से बात शुरू की थी। वहां से बात आयकर विभाग के छापे, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डाइरेक्ट टैक्सेज के पत्र और ईडी के उसमें इन्वॉल्व होने की कहानी थी।