Mukesh Ambani का ये स्कूल: जहां पढ़ते हैं सेलेब्रिटीज के बच्चे, जानें कितनी है फीस
Mukesh Ambani का ये स्कूल जहां पढ़ते हैं सेलेब्रिटीज के बच्चे, जानें कितनी है फीस दुनिया में ऐसे कई बच्चे हैं जो अभी भी पढ़े-लिखे नहीं हैं। गरीबी उनकी शिक्षा की कमी का सबसे बड़ा कारण है और कुछ बच्चे अपने माता-पिता की शिक्षा में रुचि की कमी के कारण वंचित हैं। वैसे तो ज्यादातर माता-पिता बहुत कोशिश करते हैं, लेकिन उनके बच्चों की शिक्षा में कोई कमी नहीं है। आज हम आपको एक ऐसे स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं जहां माता-पिता के लिए अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए लंबी कतारें लगती हैं, तो आइए जानें क्या है यह इतना खास…
कहाँ है यह स्कूल
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे इस स्कूल में पढ़े, लेकिन यहां पढ़ाना सबके बस की बात नहीं है। दरअसल हम जिस स्कूल की बात कर रहे हैं वह मुंबई का धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल है जिसे Mukesh Ambani ने अपने पिता की याद में खोला था।
इस स्कूल में ज्यादातर सेलिब्रिटीज के बच्चे पढ़ने आते हैं। इस स्कूल में सचिन तेंदुलकर, शाहरुख खान से लेकर श्रीदेवी तक के बच्चे पढ़ते थे। बता दें कि स्कूल की चेयरपर्सन मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी हैं। नीता अंबानी की बहन ममता इसी स्कूल में शिक्षिका हैं।
इस स्कूल की गिनती देश के टॉप 10 स्कूलों में होती है
धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल को देश के टॉप 10 स्कूलों में शुमार किया जाता है। 2003 में शुरू हुए इस स्कूल के पास नंबर वन इंटरनेशनल स्कूल का खिताब भी है।
लाखें में है फीस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सात मंजिला स्कूल में एलकेजी से सातवीं तक की फीस 1 लाख 70 हजार रुपये, कक्षा आठवीं से दसवीं (आईसीएसई बोर्ड) की फीस 1 लाख 85 हजार रुपये और आठवीं कक्षा की फीस है. टू एक्स (आईजीसीएसई बोर्ड) 4 लाख रुपये है। लाख 48 हजार रु. इसके अलावा, स्कूल अंतर्राष्ट्रीय स्तर के (आईबी) पाठ्यक्रम भी संचालित करता है।
धीरूभाई के नाम पर है स्कूल का नाम
मुंबई में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल के बारे में जिसे Mukesh Ambani ने अपने पिता की याद में खोला था। बॉलीवुड स्टार किड्स के लिए मशहूर इस स्कूल का नाम Mukesh Ambani के पिता धीरूभाई अंबानी के नाम पर रखा गया है। माता-पिता अपने बच्चों को इस स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए लाइन लगाते हैं। ऐसे में हर माता-पिता अपने बच्चों को इस स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन यहां पढ़ाना सबके बस की बात नहीं है।