🛑 वैज्ञानिकों की चौंकाने वाली रिपोर्ट
ब्रह्मांड में कुछ ऐसा घट रहा है, जिसे समझ पाना आसान नहीं. एक साथ 1000 तारे अचानक कैसे सक्रिय हो गए, इस रहस्य ने वैज्ञानिकों की नींद उड़ा दी है. रिपोर्ट सामने आते ही मचा हड़कंप!
1.ब्रह्मांड का नया रहस्य
वैज्ञानिकों ने ओफियन नामक तारा समूह की खोज की है, जिसमें करीब 1000 युवा तारे हैं. यह समूह पृथ्वी से 650 प्रकाशवर्ष दूर ओफ़िचस नक्षत्र में है. आमतौर पर जब गैस बादलों से हजारों तारे जन्म लेते हैं, वे गुरुत्वीय बल से बंधे रहते हैं और करोड़ों साल तक एक समूह में रहते हैं. लेकिन ओफियन के तारे महज 2 करोड़ साल में ही बिखर रहे हैं, जो वैज्ञानिकों के लिए हैरान करने वाला है.
2 .Gaia मिशन
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के Gaia मिशन ने इस खोज में अहम भूमिका निभाई. Gaia टेलीस्कोप ने लाखों तारों की गति और स्थिति के डेटा इकट्ठा किए. इन आंकड़ों से पता चला कि ओफियन के तारों की गति में असमानता (velocity dispersion) 20 किलोमीटर प्रति सेकंड है. यानी, सबसे तेज और सबसे धीमे तारों की गति में इतना अंतर है कि वे एक-दूसरे से दूर जा रहे हैं.
3.तारों का बिखराव
ओफियन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके तारे असामान्य रूप से तेज गति से बिखर रहे हैं. सामान्य तारा समूह, जैसे प्लेयाडीज (10 करोड़ साल पुराना) या बीहाइव क्लस्टर (60 करोड़ साल पुराना), लंबे समय तक एकजुट रहते हैं. लेकिन ओफियन के तारे इतनी तेजी से अलग हो रहे हैं कि यह समूह जल्द ही पूरी तरह खत्म हो सकता है. वैज्ञानिक इस तेजी का कारण समझने की कोशिश में जुटे हैं.
4.सुपरनोवा का असर
वैज्ञानिकों को Gaia डेटा में कुछ ‘सुपरबबल्स’ यानी विशाल गैस-मुक्त क्षेत्र मिले. माना जा रहा है कि पास में हुए सुपरनोवा विस्फोटों ने ओफियन के गठन के दौरान बची-खुची गैस को उड़ा दिया. इस गैस के चले जाने से समूह का द्रव्यमान कम हुआ, और गुरुत्वीय बल इतना कमजोर पड़ गया कि तारे बंधन तोड़कर अलग-अलग दिशाओं में निकल पड़े.
5.पड़ोसी तारों की खींचतान
ओफियन के बिखराव की एक और वजह पास के तारा समूहों का गुरुत्वीय प्रभाव हो सकता है. ये पड़ोसी समूह अपनी गुरुत्वीय शक्ति से ओफियन के तारों को खींच रहे हैं, जिससे उनकी गति और दिशा में बदलाव आ रहा है. यह खींचतान ओफियन के तारों को और तेजी से बिखेर रही है, जिससे यह समूह अपनी एकता खो रहा है.
6.Gaia Net का कमाल
ओफियन की खोज पारंपरिक तरीकों से नहीं हो पाई. वेस्टर्न वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के खगोलविद डिलन हसन और मरीना काउनकेल ने AI-आधारित मॉडल Gaia Net का इस्तेमाल किया. यह मॉडल लाखों तारों के स्पेक्ट्रा को एक साथ विश्लेषण कर सकता है. Gaia Net ने ओफियन जैसे असामान्य समूह को डेटा में पकड़ा, जो पुराने तरीकों से छिपा रहता.
7.तुलना में ओफियन
अन्य तारा समूहों की तुलना में ओफियन की स्थिति अनोखी है. उदाहरण के लिए, प्लेयाडीज और बीहाइव जैसे क्लस्टर अपनी उम्र के बावजूद एकजुट हैं. लेकिन ओफियन की युवा उम्र (2 करोड़ साल) और तेज बिखराव इसे खास बनाते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि ओफियन जैसे समूह तारा निर्माण और ब्रह्मांड के विकास को समझने में नई जानकारी दे सकते हैं.
8.ब्रह्मांड की नई समझ
ओफियन की खोज से वैज्ञानिकों को लगता है कि ब्रह्मांड में ऐसे और भी युवा तारा समूह हो सकते हैं, जो हमारी नजरों से छिपे हैं. पहले के तरीके सिर्फ उन समूहों को पकड़ पाते थे, जिनके तारे एक दिशा में चलते थे. लेकिन Gaia Net जैसे नए टूल्स अब बेतरतीब ढंग से बिखरने वाले समूहों को भी खोज सकते हैं.
9.सुपरबबल्स का रहस्य
सुपरबबल्स, यानी गैस-मुक्त विशाल क्षेत्र, ओफियन के बिखराव की कहानी में अहम हैं. वैज्ञानिक मानते हैं कि ये क्षेत्र सुपरनोवा विस्फोटों के कारण बने, जिन्होंने गैस को बाहर धकेल दिया. इस गैस के बिना तारों का गुरुत्वीय बंधन कमजोर हुआ, और वे स्वतंत्र रूप से अपनी राह पर निकल पड़े. यह प्रक्रिया तारा समूहों के जीवन चक्र को समझने में मदद कर सकती है.
10.ब्रह्मांड के और राज खुलेंगे
ओफियन की खोज न सिर्फ एक तारा समूह की कहानी है, बल्कि यह ब्रह्मांड के अनसुलझे रहस्यों को खोलने की शुरुआत है. Gaia मिशन और Gaia Net जैसे टूल्स वैज्ञानिकों को तारों की गति, उनके जन्म और विनाश को समझने में मदद कर रहे हैं. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ऐसी और खोजें ब्रह्मांड के विकास और तारा समूहों की गतिशीलता को बेहतर ढंग से समझाएंगी.