सीजी न्यूज ऑनलाइन डेस्क 31 जुलाई। प्रदेश के सरकारी स्कूलों, और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर हलचल है। बताया गया कि युक्तियुक्तकरण के बाद प्रदेशभर की दो सौ से अधिक स्कूलें बंद हो सकती है। यही नहीं, करीब 10 हजार से अधिक शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं। इससे परे सरकार का दावा है कि युक्तियुक्तकरण के बाद प्रदेश के सभी स्कूलों में शिक्षक उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी। युक्तियुक्तकरण के लिए गाइड लाइन आज-कल में जारी होने के आसार हैं।
सीएम विष्णुदेव साय ने विधानसभा में माना था कि प्रदेश में करीब तीन सौ स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है। उन्होंने बताया था कि करीब साढ़े हजार स्कूलों में एकल शिक्षक और साढ़े 7 हजार स्कूलों में अतिशेष शिक्षक हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का फैसला लिया गया है। इसके बाद एक भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं रहेगा।
स्कूल शिक्षा विभाग का प्रभार सीएम साय के पास है। सीएम ने विभाग की बैठक में जल्द से जल्द युक्तियुक्तकरण के निर्देश दिए हैं। युक्तियुक्तकरण का प्रारूप तैयार कर लिया गया है और इस सिलसिले में जल्द गाइड लाइन जारी होने के आसार हैं। युक्तियुक्तकरण का फैसला गत 9 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में लिया गया था।बप्रदेश में बड़ी संख्या में विभिन्न स्कूलों का संचालन एक ही परिसर में हो रहा है। एक ही परिसर में संचालित स्कूलों का युक्तियुक्तकरण विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता की दृष्टि से करने का प्रस्ताव है।
इसमें एक परिसर में दो या दो से अधिक प्रायमरी स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। इसी तरह मिडिल, हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का भी प्रस्ताव है। इसमें विद्यार्थियों की दर्ज संख्या को ध्यान में रखकर एक स्कूल में मर्ज किया जाएगा।
प्रदेश में 10 से कम दर्ज संख्या वाली प्राथमिक अथवा पूर्व माध्यमिक शालाओं का नजदीक के शालाओं में समायोजन किया जाएगा। नक्सल प्रभावित इलाकों के स्कूलों के लिए कलेक्टर को अधिकृत किया गया है कि वो स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर युक्तियुक्तकरण पर विचार करेंगे। एक स्तर के दो स्कूल जिनकी दूरी कम हो, तथा दर्ज संख्या भी कम हो, उनका समायोजन किया जाएगा। ऐसे स्कूलों की परस्पर दूरी शहरी क्षेत्रों में 500 मीटर और दर्ज संख्या 30 से कम होना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में दूरी 1 किलोमीटर से कमनतथा दर्ज संख्या 10 से कम होने पर युक्तियुक्तकरण किया जाएगा।
युक्तियुक्तकरण के लिए समिति का गठन स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के लिए दो समिति का गठन किया जाएगा। एक समिति विकासखंड स्तर पर होगी जिसके अध्यक्ष एसडीएम (राजस्व), बीईओ सदस्य सचिव, सहायक विकासखंड अधिकारी और स्त्रोत समन्यक सदस्य रहेंगे। जिला स्तर की समिति के अध्यक्ष कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ सदस्य, जिला मुख्यालय के आयुक्त, नगर निगम सदस्य सचिव होंगे।
समिति युक्तियुक्तकरण के लिए स्कूलों को चिन्हांकित कर सूचीबद्ध करेगी। इसके अलावा अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकित कर सूचीबद्ध किया जाएगा। रिक्त पदों का शालावार सूची बनाई जाएगी।
शहरों के शिक्षक ज्यादा प्रभावित
युक्तियुक्तकरण के बाद प्रमुख शहर रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, कोरबा व रायगढ़ के शिक्षक ज्यादा संख्या में प्रभावित हो सकते हैं। शिक्षा विभाग के एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि करीब 10 हजार से अधिक शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं। यही नहीं, दो सौ से अधिक स्कूलें बंद होंगी। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया इसी महीने शुरू हो जाएगी और सितंबर के आखिरी तक शिक्षकों को इधर से उधर किया जा सकेगा।