भिलाई नगर 18 नवंबर । भिलाई इस्पात संयंत्र में बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति दर्ज करने वाली व्यवस्था लागू होने के बाद यातायात व्यवस्था में भी सुधार करने की आवश्यकता है। क्योंकि अभी शाम को नो एंट्री टाइम 5.00 बजे से 6.00 बजे तक होता है। इस संदर्भ में आज सीटू की टीम महाप्रबंधक (एच आर) विकास चंद्रा से मुलाकात कर कार्यपालक निदेशक (एच आर) के नाम पत्र दे कर कहा कि इस्पात भवन एवं मानव संसाधन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों अधिकारियों के ड्यूटी का समय बदल गया है जिसके आधार पर नो एंट्री टाइम बदल जाना चाहिए।
नो एंट्री टाइम करें शाम 5:00 बजे से 6:30 बजे तक
इस्पात भवन और मानव संसाधन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों अधिकारियों के लिए छुट्टी होते समय बायोमेट्रिक आधारित फेस रीडिंग करने का समय में बदलाव करते हुए 5.45 बजे किया गया है जिससे इन विभागों में कार्यरत कर्मियों को फेस रीड करने के बाद सड़क पर पहुंचते ही नो एंट्री टाइम 6:00 बजे समाप्त हो जाता है और भारी वाहनों का प्रवेश शुरू हो जाता है और सड़क दुघर्टना होने की सम्भावना बढ़ जाती है। बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस्पात भवन और एच आर विभाग से फेस रीडिंग (5.45 बजे) कर निकलने वाले कर्मियों अधिकारियों के लिए जाम एवं दुर्घटनाओं से बचने हेतु शाम को नो एंट्री टाइम में बदलाव करते हुए शाम 5:00 बजे से 6:30 बजे किया जाए जिससे दुर्घटना होने की सम्भावनाओं को शून्य किया जा सके।
14 अक्टूबर को हुई थी बड़ी दुर्घटना
14 अक्टूबर को भिलाई के नौ ट्रेड यूनियन के द्वारा एकदिवसीय धरना का कार्यक्रम इक्विपमेंट चौक अर्थात मंडेला चौक पर किया जा रहा था शाम 5:45 बजे इस्पात भवन एवं मानव संसाधन विभाग के कर्मी घर जाने के लिए निकले तब तक संयंत्र के कर्मी भी मेन गेट से निकल रहे थे 5:50 बजे नो एंट्री टाइम का उल्लंघन करते हुए पुलिस प्रशासन एवं औद्योगिक संबंध विभाग भिलाई इस्पात संयंत्र के आला अधिकारियों की मौजूदगी में ही एक ट्रक इक्विपमेंट चौक अर्थात मुर्गा चौक पर पहुंचा एवं संयंत्र से जा रहे एक कर्मी के कार के साथ भिड़ गया इस दुर्घटना में कर्मी की तो जान बच गई किंतु गाड़ी बुरी तरह से छतिग्रस्त हो गया
प्रबंधन को लेना चाहिए था स्वयं संज्ञान
सीटू नेता ने कहा कि इस्पात भवन एवं मानव संसाधन विभाग का ड्यूटी टाइम बदलने के साथ ही नो एंट्री टाइम का भी स्वयं संज्ञान लेते हुए बदलाव किया जाना चाहिए था किंतु दुर्घटना घटने के बाद भी प्रबंधन ने स्वयं से संज्ञान नहीं लिया इसीलिए आज सीटू को पत्र देना पड़ा।