लाइसेंस अथवा रिटेंशन योजना में जमानतदार की अनिवार्यता समाप्त हो

लाइसेंस अथवा रिटेंशन योजना में जमानतदार की अनिवार्यता समाप्त हो


भिलाई नगर 08 मई। नगर सेवाएं विभाग अपने संयंत्र के कर्मियों को सेवानिवृत्त के पश्चात जो आवास लाइसेंस अथवा रिटेंशन योजना के अंतर्गत देता है उसमें सुरक्षा निधि (पांच से दस लाख रुपए) जमा करवाने के साथ -साथ ऐसे कर्मी से जमानतदार के रूप में विवरण भरवाया जाता है जिनकी 5 साल की सेवा बची हो। जमानत देने वाला कर्मी अपने सेवानिवृत्त होने से पूर्व जमानत की जिम्मेदारी दूसरे कर्मी को हस्तांतरित करना होता है अन्यथा जमानतदार का अंतिम भुगतान रोक दिया जाता है।

सीटू ने दिया मुख्य महाप्रबंधक को पत्र

सीटू ने आज नगर सेवाएं विभाग के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र सौंप कर कहा कि लाइसेंस अथवा रिटेंशन में आवंटित किए जाने वाले आवास के लिए जब जमानत के रूप में लाखों रुपए सुरक्षा निधि जमा करवाया जाता है ऐसे में वह रकम ही जमानत का काम करेगा इसीलिए अलग से जमानतदार की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। इस तरह उचित कार्यवाही कर जमानतदार की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जाए।

अब सोसाइटी से लोन लेने पर नहीं लगता जमानतदार

सीटू नेता ने कहा कि संयंत्र के कर्मियों एवं अधिकारियों के लिए बहुत से समिति कार्य कर रहे हैं इन सोसाइटियों से लोन लेने के लिए पहले जमानतदार की आवश्यकता होती थी ताकि लोन लेने वाले कर्मी द्वारा जमा किए जाने वाले किस्तों में गड़बड़ी करने अथवा लोन न चुकाने की स्थिति में जमानतदार से लोन की वसूली किया जा सके। अब समिति से यह अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है अर्थात अब समिति से लोन लेने के लिए कर्मी को जमानतदार की आवश्यकता नहीं है।

आवास को कब्जा होने से बचाने के लिए उठाया जाना चाहिए उचित कदम

सीटू ने अलग-अलग मंचों पर प्रबंधन के सामने कई बार इन बातों को रखा है कि संयंत्र में लगातार कर्मियों की संख्या घटती जा रही है टाउनशिप में निर्मित आवास की संख्या कर्मियों की संख्या से कई गुना ज्यादा है ऐसे में संयंत्र के अंदर से कर्मी जिस तेजी से रिटायर हो रहे हैं उसी तेजी से भिलाई टाउनशिप के अंदर के आवास भी खाली होते जा रहे हैं एवं अवैध कब्जे बढ़ते जा रहे हैं इसे रोकने के लिए अलग-अलग यूनियनों ने अलग-अलग मंचों पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए हैं अब प्रबंधन को चाहिए कि वह उचित कदम उठाए जिससे अवैध कब्जों पर अंकुश लगाया जा सके।