⚫ सरकारी बैन के बावजूद कटी उंगलियां बताती हैं कि “इकिपलिन” डानियों से अब तक दूर नहीं
सीजी न्यूज आनलाईन डेस्क, 1 नवंबर। दुनिया भर में असंख्य जनजातियां पाई जाती हैं जिनकी पहचान उनका रहन-सहन और खान-पान के आलावा वर्षों पुरानी परंपराओं का पालन ही है। इन जनजातियों में आज भी अपनी हजारों साल पुरानी परंपराओं का पालन किया जाता है। ऐसी ही कई जनजातियां हैं जिनमें कुछ खतरनाक परंपराओं का भी पालन किया जाता है। इनके रीति रिवाज या परंपरा इतने खतरनाक होते हैं जिनके बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। कई परंपराओं को सरकार ने बैन भी लगा दिया लेकिन आज भी एक ऐसी जनजाति है जो ऐसी खतरनाक परंपराओं का पालन करती है। यह जनजाति है इंडोनेशिया की “डानी” जनजाति। जिसकी परंपरा के बारे में जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। शहरी लोगों के लिए भले ये मान्यताएं, रीति-रिवाज विचित्र लगें मगर इन आदिवासियों के लिए ये मान्यताएं बेहद खास हैं। ऐसी ही एक मान्यता इंडोनेशिया की ए डानी जनजाति के बीच प्रचलित है। इस जनजाति की महिलाएं अपने प्रियजनों की मौत के बाद अपनी उंगलियां काट लेती हैं।
द मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया के जयाविजया प्रांत के वामिन शहर में डानी जनजाति के लोग काफी ज्यादा तादाद में हैं। इस आदिवासी जनजाति में इकिपालिन की प्रथा को इंडोनेशिया की सरकार ने काफी पहले बैन कर दिया था, लेकिन बुजुर्ग महिलाओं की उंगलियों को देखकर बताया जा सकता है कि वो इसका पालन करती हैं और आज भी माना जाता है कि इलाके में ये मान्यता जारी हैं।
इंडोनेशिया के डानी जनजाति में महिलाओं के साथ काफी गलत व्यवहार होता है। उन्हे बहुत असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है लेकिन इस प्रथा के पीछे डानी जनजाति की एक मान्यता है। कहा जाता है कि महिला की अंगुली काट देने से मृतक की आत्मा दूर रहती है। साथ ही अनुष्ठान के लिए महिला की अंगुली के ऊपर के आधे हिस्से को काट दिया जाता है। इस परंपरा का हैरान करने वाला एक और हिस्सा वह है जहां महिलाएं खुद अपने बच्चों की उंगलियां काट देती हैं। इस जनजाति में लोगों की मौत होने के बाद मृतक को ममी बनाकर रखने की भी परंपरा है।
इंडोनेशिया के जयाविजया प्रांत के वामिन शहर में डानी जनजाति पाई जाती है। इस जनजाति में परिवार के किसी सदस्य की मौत हो जाने के बाद महिलाओं की अंगुलिया काट दी जाती हैं। यह बहुत ही अचंभित करने वाली परंपरा है जिसका पालन आज भी वहां के लोग चोरी छिपे करते हैं। चोरी छिपे इस परंपरा का पालन करने की वजह इंडोनेशियन सरकार का इस परंपरा पर सालों पहले लगाया गया बैन था। डानी जनजाति की इस प्राचीन परंपरा को इकिपलिन कहा जाता है।
इस जनजाति के लोगों का मानना है कि जब कोई मर जाता है तो उसकी आत्मा को शांति देने के लिए परिवार की औरत अपनी उंगलियां काट लेती हैं। इसके साथ ही उंगली काटना ये भी दर्शाता है कि मरने वाले के जाने का दर्द उंगली के दर्द के आगे कुछ नहीं है और वो जिंदगी भर उनके साथ ही रहेगा। उंगली का उपरी हिस्सा काटने के लिए पत्थर से बने ब्लेड का आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। कुछ मामलों में तो बिना ब्लेड के ही उंगली काट दी जाती है। लोग उंगली को चबाते हैं और फिर बीच से रस्सी के जरिए जोर से बांध देते हैं जिससे खून का संचार रुक जाता है। रस्सी के बांधने के बाद जब खून और ऑक्सीजन की कमी होती है तो उंगली अपने आप कटकर गिर जाती है और फिर ये लोग कटी उंगली को जमीन में गाड़ या फिर जला देते हैं।
मरने वाले के जाने का ‘दर्द’ उंगली के दर्द के आगे कुछ नहीं” महिलाएँ हँसी खुशी काट कर गाड़ या जला देती हैं अपनी उंगली”