केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल से विशेष चर्चा : मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग की चुनौतियों को स्वीकार किया खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने, अंतर्राज्यीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 8 को बढ़ाकर 41 उत्पादों का निर्यात, समूह को बैंक से 35% सब्सिडी का प्रावधान

केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल से विशेष चर्चा : मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग की चुनौतियों को स्वीकार किया खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने, अंतर्राज्यीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 8 को बढ़ाकर 41 उत्पादों का निर्यात, समूह को बैंक से 35% सब्सिडी का प्रावधान


मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग की चुनौतियों को स्वीकार किया खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने, अंतर्राज्यीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 8 को बढ़ाकर 41 उत्पादों का निर्यात, समूह को बैंक से 35% सब्सिडी का प्रावधान,

भिलाई नगर 6 अप्रैल । केंद्रीय जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को पार्टी हाईकमान के द्वारा खैरागढ़ उपचुनाव में लोधी समाज के मतदाताओं को रिझाने के लिए पार्टी पक्ष में प्रचार करने के लिए मैदान में उतार दिया है । अपने दो दिवसीय प्रवास पर भिलाई पहुंचे। आज पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे के निवास पर सीजी न्यूज़ ऑनलाइन से चर्चा करते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय  देश के भीतर देश के राज्यों की दृष्टि से लोगों के द्वारा जो खान-पान है पसंद किया जाता है अंतर्राज्यीय एवं अंतर्राष्ट्रीय  स्तर पर उसे ही विक्रम करने का प्रयास किया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों को स्वीकार किया मंत्रालय ने

दो चुनौतियां हमारे सामने थी ।।मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग हमारी कंपनियां दुनिया के स्तर पर नहीं है । दूसरा पैरामीटर्स को लेकर बहुत सारी अफवाहें थी हम फैट देते हैं मीठा बहुत खिलाते हैं । पहली बार भारत सरकार पीएलएआई स्कीम के तहत के तहत 1100 करोड़ रुपया दिया है। पहली बार बजट 137% बढ़ाया है। हमारी जितनी भी निर्यात की चीजें हैं उन चीजों को हम कैसे बेहतर तरीके से दुनिया में ब्रांड करें दूसरे  किसान संपदा योजना जिसमें मेगा फूड पार्क,मिनी फूड पार्क से लेकर तमाम चीजें 8 कंपोनेंट है। 8 कंपोनेंट में एपीसी भी है। अगर हम कोरोना की बात करें तो पहले हम 8 स्कीम चलाते थे । जिसमें आलू प्याज एवं टमाटर शामिल था। हमने उसको बढ़ाकर 22 किया है। जिसमें फल बढ़ गए सब्जियां बढ़ गई ताकि किसान जो पैदा करता है उसे सीधा लाभ मिले। कोरना काल के मध्य में इस संख्या को हमने दोगुना किया । जिसके कारण संख्या 41 हो गई आत्मनिर्भर भारत में। मंत्री  ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि कोई भी एक ऐसा हिस्सा नहीं है जिस के व्यापक तरीके से विकास के बारे में हम नहीं सोचते हैं।

बजट को बढ़ाकर 137% करने पर प्रधानमंत्री का आभार

प्रधानमंत्री का आभारी हूं उनके द्वारा बजट 137% बजट बढ़ाया और दूसरी तरफ तो 1100 करोड़ रुपए तो केवल एक स्कीम के लिए दिए हैं ।

इसमें व्यापारियों को किसानों को एफपीओ को सभी को लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ में वन क्षेत्र 44% है क्या यहां पर खाद्य प्रसंस्करण इकाई छत्तीसगढ़ में लगाए जाने के संबंध  में मंत्री श्री  पटेल ने कहा कि यह बहुत ही उचित प्रश्न है उन्होंने कहा कि  24 लाख खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े हुए समूह पूरे देश में कार्य कर रहे हैं । इस बजट में घोषणा की गई है कि दो लाख समूह को हम 10 हजार करोड़ देंगे उन्हें अपग्रेड करेंगे लेकिन जिस विषय पर बात कर रहे हैं वनोपज कि उस पर मंत्रालय पूर्व से ही कार्य कर रहा है । लेकिन यह समूह भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं । खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय में जो समूह काम करता है। अगर वह बैंक से लोन लेता है तो उसे 35% की सब्सिडी मिलती है ।आमतौर पर यह जानकारी कम है कि राज्य सरकारों को यह जानकारी समूह को एवं उनके कार्यकर्ताओं को देनी चाहिए।

जल शक्ति अभियान के तहत घर-घर पहुंच रहा पानी

जल शक्ति अभियान के उद्देश्य के संबंध में श्री पटेल ने कहा कि जल शक्ति अभियान एवं जल जीवन मिशन दोनों समानांतर चलने वाले कार्य हैं । दोनों ही 2019 से शुरू हुए हैं जल जीवन मिशन में हर घर पानी पहुंचे एवं निर्धारित समय सीमा के भीतर पहुंचे जो राज्यों ने सहमति दी है उनके अनुसार हमारे मंत्रालय द्वारा उसका कैलेंडर भी बनाया गया है । उसी का परिणाम है कि गोवा, हरियाणा तेलंगाना में अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है । जल शक्ति अभियान का मतलब है पानी तो अपने घर में दे दिया है। अब वह पानी बहेगा और ग्रे वाटर होकर नीचे जाएगा,  किसी जलस्रोत की तरफ जाएगा उसका हम प्रबंधन कर पाएंगे क्या ? उसका सदुपयोग कर पाएंगे ढाल के मुताबिक तो वह जल स्रोत की ओर ही जाएगा तो मुझे लगता है कि चाहे वह ग्राम पंचायत हो चाहे वह राज्य सरकार हो उन्हें तय करना होगा।

दूसरा भूजल की स्थिति यह है कि 90 के दशक में जो भूजल हमारे पास था दुनिया का पैमाना कहता है कि भारत ने सबसे ज्यादा इसका दोहन किया है । हम जितना निकाले उतना डालने से काम नहीं चलेगा बल्कि उससे ज्यादा डालने के बारे में सोचें यह प्रधानमंत्री ने कहा है प्रभावी तौर से इस मिशन में मैं यही निवेदन करूंगा कि व्यक्ति जिसका परिवार हो वे जमीन के भीतर अपने घर का पानी डाले शुद्ध तरीके से डालें इसके लिए पंचायत हो सामूहिक रूप से पानी का प्रबंधन करें और आगे यह चीजें चलती रहे।