कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन करने वाले इस्पात उद्योग का अस्तित्व खतरे में, ग्रीन स्टील के उत्पादों को ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी – हार्टविच, इंडस्ट्री ऑल ग्लोबल यूनियन की दो दिवसीय कार्यशाला रायपुर में संपन्न

कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन करने वाले इस्पात उद्योग का अस्तित्व खतरे में, ग्रीन स्टील के उत्पादों को ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी – हार्टविच,  इंडस्ट्री ऑल ग्लोबल यूनियन की दो दिवसीय कार्यशाला रायपुर में संपन्न


कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन करने वाले इस्पात उद्योग का अस्तित्व खतरे में, ग्रीन स्टील के उत्पादों को ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी – हार्टविच,

इंडस्ट्री ऑल ग्लोबल यूनियन की दो दिवसीय कार्यशाला रायपुर में संपन्न

रायपुर 11 अगस्त । इंडस्ट्री ऑल ग्लोबल यूनियन जो एक अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन है एवं हिंद मजदूर सभा यूनियन इससे संबद्ध है इस अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन होटल वेंकटेश इंटरनेशनल रायपुर में किया गया था जिसमें छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड प्रदेश के इस्पात एवं एलुमिनियम उद्योग से जुड़े यूनियन प्रतिनिधियों ने भाग लिया कार्यक्रम का संचालन एशिया पेसिफिक के रीजनल ऑफिसर प्रभाकर राव ने किया यह कार्यशाला 2 दिन की थी जिस का समापन आज शाम 4:00 बजे किया गया इस कार्यशाला में एचएमएस यूनियन भिलाई राउरकेला एवं बोकारो इस्पात संयंत्र के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भिलाई एचएमएस से महासचिव प्रमोद कुमार मिश्रा एवं साजिद हुसैन खान ने भाग लिया कार्यशाला का आयोजन युवाओं, महिलाओं, ठेका श्रमिकों को इस्पात एवं एलमुनियम उद्योग में आ रही समस्याओं को लेकर था ताकि इससे निकलने वाले निष्कर्ष को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया जा सके। पहले दिन के कार्यक्रम में मेथियास हार्टविच जिनेवा स्विट्जरलैंड से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े एवं भविष्य में इस्पात उद्योग में आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी दी उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इंडस्ट्री 4.0 की शुरुआत चाइना से हो चुकी है, भविष्य में पर्यावरण की रक्षा हेतु वही इस्पात उद्योग अस्तित्व में रहेंगे जो कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन नहीं करेंगे इस दिशा में बहुत तेजी से कार्य चल रहा है। इंडस्ट्री 4.0 में ग्रीन स्टील के उत्पादों को ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी। उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थिति में अति उच्च कुशल कर्मचारियों के द्वारा कार्य कराया जाएगा ज्यादातर कार्य आटोमेटिक मशीन के द्वारा किया जाएगा, मानव श्रम कम होगा ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को यूनियन से जुड़ना आवश्यक है ।

वर्तमान समय में युवा कर्मचारी यूनियन से दूर हो रहे हैं उन्हें यूनियन से जोड़ने के लिए यूनियनों को और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। कार्यशाला में मेथियास हार्टविच ने यूनियन प्रतिनिधियों के प्रश्नों का जवाब दिया एवं इंडस्ट्री 4.0 से उत्पन्न शंकाओं का समाधान किया। इंडस्ट्री ऑल ग्लोबल यूनियन एशिया पेसिफिक की संयोजक सुश्री अपर्णा भी पूरे समय वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ी रही । उन्होंने अधिक से अधिक महिला कर्मचारियों को यूनियन से जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्टील इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ कई प्रकार की समस्याएं आ रही हैं। उनका प्रतिनिधित्व होना यूनियन में अति आवश्यक है।

कार्यशाला में दूसरे दिन सभी यूनियनों द्वारा इस्पात संयंत्र में कर्मचारियों की जुड़ी हुई समस्याओं को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रेजेंटेशन में  प्रमोद कुमार मिश्र ने युवा कर्मचारियों को डिग्रेड करके ज्वाइन कराने एवं पदनाम का मुद्दा उठाया एवं कहा कि एनजेसीएस में इस मुद्दे को रखा गया था । लेकिन प्रबंधन द्वारा इसे सब कमेटी बनाकर छोड़ दिया गया एवं सब कमेटी की कभी बैठक नहीं बुलाई, मंत्रालय के आदेश को भी नहीं माना गया। पदनाम का मामला सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है इसका समाधान जल्द से जल्द निकाला जाना चाहिए। युवा महिला कर्मचारियों के साथ भी कई समस्याएं हैं उन्हें भी यूनियन में लाना अति आवश्यक है ताकि उनसे जुड़ी हुई समस्याओं की जानकारी प्राप्त हो सके एवं प्रबंधन से चर्चा कर उसका समाधान निकाला जा सके।