युवती से जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने सरकारी मुलाजिम बनाने लिए 10 लाख की ठगी

युवती से जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने सरकारी मुलाजिम बनाने लिए 10 लाख की ठगी


🔴दो वर्ष पूर्व मां को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी लगने मांगे थे 2 लाख

भिलाईनगर 29 सितंबर। सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी ने पहले प्रार्थी की मां को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनाने के नाम पर 2 लाख रुपए की मांग की। मां ने जब मना किया तो बेटी को जिला परियोजना अधिकारी बनाने का लालच देकर फंसा लिया और 10 लाख रुपए वसूल लिए। दुर्ग कोतवाली पुलिस के द्वारा पीड़िता की शिकायत पर से मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।

सिटी कोतवाली थाना प्रभारी तापेश नेताम ने बताया कि प्रार्थिया वार्ड नं. 03, मठपारा निवासी 24 वर्षीय श्वेता जांगिड ने शिकायत की कि अप्रैल 2023 मे उसकी मा शीतल जांगिड ने आंगनबाडी कार्यकर्ता के पद में भर्ती के लिए आवेदन किया था। एक अन्य आंगनबाडी के कार्यकर्ता के माध्यम से पता चला कि परियोजना अधिकारी रचिता नायडू इस पद पर नियुक्ति करा सकती है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने की असलीय दोनों ही बेटी के द्वारा परियोजना अधिकारी रचिता नायडू से ऋषभ नगर स्थित उनके घर पहुंच कर संपर्क किया। वहां रचिता नायडू मां की नौकरी लगाने के लिए 2 लाख रुपए की मांग की, लेकिन पैसे नहीं होने की वजह से मना कर दिया। इसके बाद परियोजना अधिकारी रचिता नायडू ने श्वेता जांगिड से दोस्ती की और घर आना-जाना शुरू कर दिया। जान पहचान बढ़ाकर प्रार्थियां से ये पूछा कि तुम्हारे पास कितना जमीन सोना है। भरोसा होने पर प्रार्थिया ने उसे बताया कि उसकी शादी के लिए मां ने गहने रखे हैं। ऐसा सुनने के बाद आरोपी ने प्रार्थिया को सीजीपीएसी की तैयारी करवाने का आश्वासन दिया और पढ़ाना भी शुरू कर दिया। इसी दौरान बिलासपुर जिले में (डीसीपीओ) जिला बाल संरक्षण अधिकारी की पोस्ट निकली थी। रचिता नायडू ने प्रर्थिया को इस पद का फार्म भरने को कहा। ये भी कहा कि यह पोस्ट उसके हाथ में है। तुम्हारी नौकरी में आसानी से लगवा दुंगी। आवेदन करने के 10 दिन के बाद से ही रचिता नायडू ने नौकरी लगाने के नाम से 5 लाख रुपए की मांग करने लगी। भरोसा जीतने एक व्यक्ति को मंत्री के घर का आदमी बताया। इसके बाद मां ने भरोसा कर पास में रखे सोना को गिरवी रखकर 5 लाख रुपए नगद रचिता 17 दिसंबर 2024 को दिया। इसके बाद उसने भरोसा दिलाया कि वो उसकी नौकरी लगवा देगी।

रायपुर जाकर दिए और 5 लाख रुपए,16 लाख की डिमांड

पुलिस ने बताया कि प्रार्थिया ने पहले पांच लाख रुपए लेने के 3 से 4 महीने के बाद अचानक काल की और 16 लाख की डिमांड करने लगी। पोस्ट बड़ी है ज्यादा पैसा लगेगा बोलकर पैसे मांगने लगे। नहीं देने पर पहले के भी 5 लाख डूबने की बात कही। इसके बाद अपने साथी दितेश राय को करीबी बताकर भरोसे में लिया। 21 मई 2025 को बचे हुए गहने को गिरवी रख फिर से 5 लाख रुपए रायपुर जाकर दिया। टोटल 10 लाख रुपए देने के बाद रचिता ने कहा कि अब उसकी नौकरी लग जाएगी। प्रार्थी ने बताया कि शिकायत में लिखा है कि मां ने मेरी शादी के लिए रखे गहने तक गिरवी रख दिए। अब न नौकरी लगी, न पैसा वापस आया, ऊपर से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। परिवार मानसिक और आर्थिक संकट से जूझ रहा है।

10 लाख देने के बाद फिर मांगे 6 लाख

दो बार में 10 लाख रुपए देने के एक सप्ताह बाद रचिता ने दोबारा कॉल कर 6 लाख की डिमांड की। मना करने और पैसे वापस मांगने पर काफी अपशब्द बोला। जब जिला संरक्षण अधिकारी का इंटरव्यू 23 जुलाई 2025 को निकला,लेकिन उसमें प्रार्थी का नाम नहीं था। इसके बाद उसने फिर रचिता को कॉल किया तो उसने कहा कि वह पता करती है,लेकिन इसके बाद लगातार फोन करने के बाद भी उसने फोन उठाना बंद कर दिया। बाद में ब्लॉक भी कर दिया।