दो ट्रैक के बीच मिला रेल क्षेत्रीय प्रबंधक का शव, मां बोली-प्रताड़ित करते थे अफसर, कुछ महीने पहले हुई थी शादी, मुख्यमंत्री ने जताया शोक

दो ट्रैक के बीच मिला रेल क्षेत्रीय प्रबंधक का शव, मां बोली-प्रताड़ित करते थे अफसर, कुछ महीने पहले हुई थी शादी, मुख्यमंत्री ने जताया शोक


दो ट्रैक के बीच मिला रेल क्षेत्रीय प्रबंधक का शव, मां बोली-प्रताड़ित करते थे अफसर, कुछ महीने पहले हुई थी शादी, मुख्यमंत्री ने जताया शोक

बिलासपुर, 24 जून। कटनी रेल मार्ग पर अनूपपुर शहडोल के बीच चल रहे नॉन इंटरलॉकिंग काम के दौरान बड़ा हादसा हो गया। रेलवे के (एअरएम) योगेंद्र सिंह भाटी ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई है। काम के दौरान एक ट्रैक पर मालगाड़ी और दूसरी ट्रैक पर मेमू लोकल आ गई। इसी वजह से यह हादसा हो गया है। डीआरएम ने हादसे की जांच के लिए कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं वहीं अफसर की मां ने इसके लिए वरिष्ठ अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है।

विदित हो कि अनूपपुर और शहडोल के बीच तीसरी रेल लाइन के लिए 17 जून से 26 जून तक नॉन इंटरलॉकिंग का काम चल रहा है। इसकी वजह से कई गाड़ियों को ब्लॉक दिया गया है और ट्रेनें कैंसिल हैं। कल यहां काम के दौरान शाम करीब साढ़े 7 बजे अमलाई आरआरआई केबिन के बीच एक पटरी पर मालगाड़ी और दूसरी पर कटनी-बिलासपुर मेमू ट्रेन आ गई। ट्रेन आता देख सभी कर्मचारी और मजदूर रेलवे लाइन के किनारे हो गए। कुछ लोग दो लाइन के बीच की खाली जगह पर खड़े थे। ट्रेन गुजरने के बाद लोगों ने देखा कि दोनों ट्रैक के बीच एआरएम भाटी रेलवे ट्रैक के किनारे खून से लथपथ घायल पड़े थे। उन्हें देखकर हड़कंप मच गया। आनन-फानन में उन्हें रात करीब साढ़े 8 बजे धनपुरी सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत बता दिया। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान के उदयपुर निवासी योगेंद्र सिंह भाटी बैकुंठपुर में क्षेत्रीय रेल प्रबंधक पर कार्यरत थे। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त वह सभी के साथ काम में जुटे थे। भाटी अचानक कब और कैसे ट्रेन की चपेट में आए, इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। प्रारंभिक जांच व पूछताछ में पता चला है कि रेलवे के क्षेत्रीय प्रबंधक योगेंद्र सिंह भाटी काम के दौरान आरआरआई केबिन गए थे। वहां ऑफिशियल काम करने के बाद केबिन से उतरकर रेलवे ट्रैक की तरफ आ रहे थे हालांकि काम के दौरान किसी को उनके आने की भनक नहीं लगी। तभी एक साथ दो ट्रैक पर मालगाड़ी और मेमू लोकल आ गई। ट्रेन गुजरने के बाद भाटी को दोनों ट्रैक के बीच में घायल पड़े देखा गया। अमलाई में बैकुंठपुर के क्षेत्रीय रेल प्रबंधक की ट्रेन की चपेट में आने की जानकारी मिलते ही बिलासपुर डिवीजन के अफसर भी हैरत में पड़ गए। खबर सुनकर मंडल रेल प्रबंधक आलोक सहाय सहित रेलवे के अधिकारियों की टीम देर रात अस्पताल पहुंच गई।शुक्रवार की सुबह उनकी मौजूदगी में शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। इस दौरान डीआरएम और रेल अफसर घटनास्थल भी गए। उन्होंने हादसा कैसे हुआ इसकी जांच के लिए कमेटी बनाने की बात कही है।

वहीं दूसरी तरफ योगेंद्र सिंह भाटी की मां ने वरिष्ठ अफसरों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सीनियर लंबे समय से परेशान कर रहे थे। उनका बार-बार ट्रांसफर किया जाता था। सुविधा के लिए गाड़ी भी नहीं दी जाती। इसके चलते वह मानसिक तनाव में रहते थे। मां ने आरोप लगाया कि बिना सिग्नल के ही ट्रेन के छोड़ दिया गया। इसी कारण चपेट में आने से उनके बेटे की मौत हुई है फिलहाल इस संबंध में रेलवे का कोई अफसर बोलने को तैयार नहीं है।

गौरतलब हो कि योगेंद्र सिंह भाटी की पत्नी भी रेलवे जबलपुर में असिस्टेंट ऑपरेटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। बताया जा रहा है कि कुछ माह पहले ही उनकी शादी हुई थी। हादसे की खबर मिलते ही पत्नी सहित परिजन भी धनपुरी हॉस्पिटल पहुंच गए थे।

बिलासपुर-कटनी रेलमार्ग पर अनूपपुर-शहडोल के बीच चल रहे नान इंटरलॉकिंग काम के दौरान बैकुंठपुर में पदस्थ क्षेत्रीय प्रबंधक योगेंद्र सिंह भाटी के निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर दिवंगत रेल अफसर भाटी को श्रद्धांजलि अर्पित की है।