मार्का लगे खाद्यान्न दही बटर लस्सी को जीएसटी के दायरे में लाने से आम आदमी होगा प्रभावित, प्रत्येक राज्य का व्यापारी वर्ग कैट के माध्यम से यह निर्णय वापस लेने करेगा मांग

मार्का लगे खाद्यान्न दही बटर लस्सी को जीएसटी के दायरे में लाने से आम आदमी होगा प्रभावित, प्रत्येक राज्य का व्यापारी वर्ग कैट के माध्यम से यह निर्णय वापस लेने करेगा मांग


मार्का लगे खाद्यान्न दही बटर लस्सी को जीएसटी के दायरे में लाने से आम आदमी होगा प्रभावित, प्रत्येक राज्य का व्यापारी वर्ग कैट के माध्यम से यह निर्णय वापस लेने करेगा मांग

रायपुर 7 जुलाई। मार्का लगे खाद्यान्न, दही, बटर, लस्सी को जीएसटी के दायरे में लाने से आम आदमी  प्रभावित होगा। इसके विरोध में कैट के माध्यम से’प्रत्येक राज्य के वित्त मंत्री को ज्ञापन देकर व्यापारी समूचा व्यापारी वर्ग  इस निर्णय को वापिस लेने की माँग’ करेंगे। यह निर्णय आगामी 18 जुलाई से लागू किया जाना है। आज छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एवं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) सी.जी. चेप्टर के संयुक्त तत्वाधान में “व्यापार सम्मेलन’ चेम्बर कार्यालय चौ. देवीलाल व्यापार उद्योग भवन, बाम्बे मार्केट, रायपुर में आयोजन किया गया।

व्यापार सम्मेलन में मुख्य अतिथि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष   बी.सी. भरतिया . अध्यक्षता प्रवीण खंडेलवाल . राष्ट्रीय महासविद एवं विशेष अतिथि  सुमीत अग्रवाल, राष्ट्रीय सचिव प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया. राष्ट्रीय महासचिव  प्रवीण खंडेलवाल. राष्ट्रीय सचिव  सुमीत अग्रवाल. चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कैट प्रदेश अध्यक्ष  जितेन्द्र दोशी ने बताया कि जीएसटी कॉउंसिल ने गत 28 – 29 जून को अपनी मीटिंग में किसी भी प्रकार का मार्का लगे हुए खाद्यान्न, बटर, दही, लस्सी आदि को 5 प्रतिशत के कर स्लैब में लाने को देश के आम नागरिकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालना बताते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) एवं अन्य खाद्यान्न संगठनों ने कहा कि यह निर्णय छोटे निर्माताओं एवं व्यापारियों के मुकाबले बड़े ब्रांड के व्यापार में वृद्धि करेगा और आम लोगों द्वारा उपयोग में लाने वाली वस्तुओं को महँगा करेगा । अब तक ब्रांडेड नहीं होने पर विशेष खाद्य पदार्थों, अनाज आदि को जीएसटी से छूट दी गई थी। कॉउन्सिल के इस निर्णय से प्री-पैक, प्री-लेबल वस्तुओं को अब जीएसटी के कर दायरे में लाया गया है। अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों जैसे आटा, पोहा इत्यादि पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी का प्रावधान किया गया है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी. सी. भरतिया राष्ट्रीय महासचिव  प्रवीण खंडेलवाल राष्ट्रीय सचिव सुमीत अग्रवाल  चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष  अमर पारवानी, कैट प्रदेश अध्यक्ष  जितेन्द्र दोशी ने कहा कि इस मामले पर सभी राज्यों की अनाज, दाल मिल सहित अन्य व्यापारी संगठन अपने-अपने राज्यों के वित्त मंत्रियों को ज्ञापन देकर इस निर्णय को वापिस लेने का आग्रह करेंगे । बेहद खेद की बात है कि सभी राज्यों ने जीएसटी काउन्सिल की मीटिंग में सर्वसम्मति से इसको पारित कर दिया। ऐसा लगता है कि किसी भी वित्त मंत्री ने इस बारे में विचार नहीं किया।

देश के प्रत्येक राज्य में सम्मेलन करके प्रदेश के वित्त मंत्रियों से मुलाकात करके छोटे व्यापारियों को परेशान करने से बचने मार्का वाली वस्तुओं पर जेएसटी हटाने की मांग करेंगे । यह जीएसटी 18 जुलाई से देश में लागू होने वाला है उन्होंने राजनाथ सिंह से मुलाकात की अब वे भूपेश बघेल और देश के वित्त मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।

छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल एवं कैट के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, महामंत्री सुरिन्दर सिंह एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल उपस्थित थे।