मरोदा रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेन की बोगी उतरी पटरी से, 26 घायलों को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित निकाला बाहर, स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने देखा रेलवे का मॉक ड्रिल, देखिए वीडियो

मरोदा रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेन की बोगी उतरी पटरी से, 26 घायलों को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित निकाला बाहर, स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने देखा रेलवे का मॉक ड्रिल, देखिए वीडियो


भिलाई नगर 25 नवंबर । दुर्ग दल्ली राजहरा रेलवे मार्ग पर आज सुबह मरोदा रेलवे स्टेशन में पैसेंजर ट्रेन का एक डिब्बा पटरी से उतर गया। ट्रेन की बोगी में फंसे 26 यात्रियों को आरपीएफ, एनडीआरएफ एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल रेलवे के संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन से बाहर निकाला गया। बोगी को काटने के लिए जवानों के द्वारा नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए आधुनिक उपकरण का प्रयोग भी किया गया। 8 यात्रियों को गंभीर चोट आई । जिन्हें इलाज के लिए तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया । इस ज्वाइंट ऑपरेशन में आरपीएफ, एनडीआरएफ एवं रेलवे के राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कुल 300 कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। करीबन 2 घंटे तक तीनों ही टीमों के द्वारा आपस में सामंजस्य स्थापित करते हुए सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। मॉक ड्रिल के दौरान डीआरएम रायपुर संजीव कुमार एवं कमांडेंट आरपीएफ संजय कुमार गुप्ता भी मौजूद रहे।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर के द्वारा मॉक ड्रिल के लिए दुर्ग से राजहरा रेल मार्ग के अंतर्गत मरोदा रेलवे स्टेशन के यार्ड में शुक्रवार को यात्री ट्रेन की एक बोगी पटरी से उतारी गई। दुर्घटना में बोगी में सवार 2 दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए। हादसे की गंभीरता देखते हुए जानकारी रेलवे के आपदा प्रबंधन की टीम को भी दी गई। कुछ ही देर में घटना स्थल पर राहत टीम पहुंच गई व बचाव कार्य शुरू किया गया।

आम लोगों को बाद में पता चला कि यह सब रेलवे और एनडीआरफ की टीम की संयुक्त माकड्रिल का हिस्सा था।
मरोदा रेलवे स्टेशन पर आज सुबह 10:45 बजे माक ड्रिल शुरू हुआ। यात्री बोगी पटरी से उतरते हैं रेलवे का स्थानीय अमला सक्रिय हो गया और कंट्रोल रूम को सूचना दी गई। इसके बाद रेलवे का आपदा प्रबंधन टीम चरोदा यार्ड से रवाना हुआ। इतना ही नहीं एनडीआरएफ कटक थर्ड बटालियन की टीम जो घटना के वक्त दुर्ग में ही थी । उन्हें भी सूचना दी गई। हादसे की जानकारी लगते ही डी मंडल रेल प्रबंधक संजीव कुमार भी मौके पर पहुंच गए थे।

राहत टीम ने बोगी से यात्रियों को बाहर निकालना शुरू किया। इस दौरान कुछ यात्री ट्रेन में बुरी तरह फंस गए थे। जिन्हें बोगी की खिड़की को कटर से काटकर निकाला गया। मौके पर ही रेलवे का चिकित्सा विभाग भी मौजूद था। घायलों का प्राथमिक उपचार किया गया। गंभीर रूप से घायलों को चरोदा अस्पताल के लिए रिफर किया गया। इस दौरान इस बात का ख्याल रखा गया कि कम से कम समय में प्रभावितों को राहत दी जा सके। राहत एवं बचाव कार्य सहित मरम्मत कार्य जारी है।

रेस्क्यू ऑपरेशन में सामंजस्य ही महत्वपूर्ण

रायपुर रेल मंडल डी आर एम संजीव कुमार ने बताया कि मॉक ड्रिल के माध्यम से आपातकालीन स्थिति से निपटने का अभ्यास कराया गया । इस तरह के अभ्यास से विभागीय कर्मचारियों के प्रदर्शन का आंकलन किया जाता है । रेलवे बोगी को काटकर कुल 26 यात्रियों को बाहर निकाला गया । गंभीर रूप से 8 घायलों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया । इसमें बीएसपी का सहयोग भी लिया गया है। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन को समझाते हुए बताया कि 2 घंटे तक चले जॉइंट एक्सरसाइज में सर्वप्रथम कोआर्डिनेशन अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है । तीनों टीमों के मध्य आपसी सामंजस्य देखने को मिला। जोकि पैसेंजर के हित में है सर्वाधिक महत्वपूर्ण रेस्क्यू जितने जल्दी हो यात्रियों के लिए अच्छा रहता है। इस पूरे मोबाइल की विवेचना की जाएगी और भविष्य में सुधार भी किया जाएगा। मोबाइल के माध्यम से नई नई तकनीक का इंडक्शन भी किया जाता है। नए उपकरणों के प्रयोग का अभ्यास भी होता है। आशिकी जॉइंट ऑपरेशन में कुल 300 कर्मचारियों ने हिस्सा लिया एनडीआरएफ के 36, स्टेट से 15 एवं शेष कर्मचारी रेलवे के थे।


अभ्यास प्रदर्शन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल NDRF की बटालियन मुंडाली (कटक) उडीसा, रायपुर मंडल संरक्षा विभाग, रेल आपदा प्रबंधन टीम ( ART/ARMV) की आपदा राहत टीम तथा सिविल डिफेंस द्वारा संयुक्त रूप से मरौदा में किया गया ।
इस अभ्यास प्रदर्शन में अपर मंडल रेल प्रबंधक (इंफ़्रा) आशीष मिश्रा, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी रायपुर डॉ. डी. एन. बिस्वाल, सहायक मंडल संरक्षा अधिकारी रायपुर जे के पात्रा एवं सिविल डिफेन्स के सदस्य, एवं स्काउट गाइड , संरक्षा सलाहकार, सुपरवाइजर सहित बिलासपुर जोनल मुख्यालय और रायपुर मंडल के शाखा अधिकारी तथा अन्य अथिकारी एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित थे ।