सीजी न्यूज ऑनलाइन, 08 नवंबर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य के ई-संवर्ग व्याख्याताओं के प्राचार्य पदोन्नति से जुड़ा बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति रविंद्र अग्रवाल की एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए शासन के पक्ष में निर्णय दिया। इस फैसले से अब प्रदेश के 1478 व्याख्याताओं की प्राचार्य पद पर पदोन्नति और पोस्टिंग का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।
राज्य शासन ने 30 अप्रैल 2025 को ई-संवर्ग के 1478 व्याख्याताओं को प्राचार्य पद पर पदोन्नत करने की सूची जारी की थी। लेकिन कुछ शिक्षकों ने इस प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर दीं। याचिका लंबित रहने के कारण शासन ने पोस्टिंग प्रक्रिया रोक दी थी। इस देरी के चलते 126 व्याख्याता बिना प्राचार्य पद पर नियुक्त हुए ही सेवानिवृत्त हो गए।
राज्य सरकार की ओर से न्यायालय को बताया गया कि प्रमोशन नियम 2019 के तहत तैयार की गई वरिष्ठता सूची और चयन प्रक्रिया सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर की गई है।
हाईकोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि प्रक्रिया में कोई अनियमितता नहीं पाई गई, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
दरअसल, 2019 से लेकर 2025 तक विभिन्न याचिकाओं के चलते यह मामला अदालत में विचाराधीन रहा।
कुछ याचिकाएं बीएड और डीएलएड योग्यता से जुड़ी थीं, तो कुछ में वरिष्ठता और पदोन्नति प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे।


